DNA Analysis on Terrorists luxury house: कश्मीर के आतंकी कोई मुजाहिदीन नहीं बल्कि मुनाफाखोर हैं, जो पाकिस्तानी फंडिंग से मिले पैसों से शानदार महल जैसे घर बना रहे हैं. अब सेना उनके महलों को जमींदोज कर रही है.
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Terrorists built luxury house in Kashmir: पाकिस्तानियों से शादी के दशकों बाद भी कई भारतीय महिलाओं ने यहां की नागरिकता नहीं छोड़ी. वजह सिर्फ एक है, वो है पैसा और फायदा. इस समय कश्मीर में आतंकवादी भी यही कर रहे हैं..वो पाकिस्तान से पैसा लेकर भारत के निर्दोष नागरिकों का खून बहा रहे हैं और अपने लिए महल बना रहे हैं. इन आतंकियों को देखकर आपमें से कइयों को लगता होगा कि ये जंगलों में रहते होंगे. कंधे पर बंदूक तानकर जिहाद के लिए निकले होंगे. ये लोग गरीबी और हालात के मारे होंगे..बेचारे होंगे. कश्मीर के दूर-सुदूर किसी गांव में इनका छोटा सा घर होगा और जिन घरों को सुरक्षा एजेंसियां अब बम से उड़ा रही हैं, ये वही घर होंगे लेकिन सच ये है कि ये घर नहीं थे, ये मकान नहीं थे. ये महल थे महल- जिन्हें आतंकियों ने पाकिस्तान से मिले पैसों से बनाये थे. और ये आतंकी जिहाद करने नहीं निकले. ये सिर्फ अय्याशी करने निकले हैं.
कश्मीर के आतंकी मुजाहिदीन नहीं बल्कि मुनाफाखोर
अब सुरक्षा एजेंसियां इन अय्याश आतंकियों के महलों को उड़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. इसीलिए कल 2 आतंकियों के महल उड़ाए गए थे और आज इसका दोगुना यानी 4 आतंकियों के घर और महल उड़ाये गए. अब तक 6 आतंकियों के घर उड़ाए गए हैं. इनमें से तीन आतंकियों के घर आलीशान महल की तरह थे. आज Zee News की टीम ने कश्मीर के शोपियां..पुलवामा..और कुलगाम में जाकर आतंकवादियों के महल पर 24 कैरेट विश्वसनीयता के साथ ऐसी रिपोर्टिंग की है. जिसे देखकर आप भी कहेंगे कि कश्मीर के आतंकी मुजाहिदीन नहीं बल्कि मुनाफाखोर हैं.
आतंकवादी एहसान शेख ने पुलवामा शहर में करोड़ों रुपये खर्च करके आलीशान महल बनवाया था. लेकिन गुरुवार रात सुरक्षाबलों ने इस घर को बारूद की मदद से ध्वस्त कर दिया. बर्बाद हो चुके इस घर में फर्श पर कालीन बिछा हुआ है. बेडरूम में महंगी लकड़ी की अलमारियां और महंगे शोकेस बने हुए हैं. जहां भी आपकी नजर जाएगी, देखकर समझ आ जाएगा कि पैसे खर्च करने में कोई कंजूसी नहीं की गई है.
उसके घर का किचन कितना बड़ा था, जितना कई बड़े शहरों में बेडरूम का एरिया होता है. किचन की आलमारियों में बरतन भरे हुए हैं. यानी किसी फरार आतंकवादी के बदले ये अच्छी-खासी सैलरी पाने वाले किसी कॉर्पोरेट का घर लग रहा है. पुलवामा शहर के बीचोंबीच के इलाके में ये घर बनवाया गया. यहां पास में ही आतंकवादी एहसान का पुराना घर भी मौजूद है. बताया गया है कि एक साल पहले ही उसने ये लग्जरी मकान बनवाया था, जिसमें दीवारों पर मंहगे मार्बल और टाइल्स लगवाये गये. बाथरूम में महंगी फिटिंग्स लगवाई गईं.
कहां से मिल रहा करोड़ों रुपये का फंड?
आप सोचेंगे कि एक आतंकवादी के पास इतना पैसा कैसे आया? आतंकी एहसान का परिवार साधारण मिडिल क्लास से है. उसके पिता एक वेटनरी कंपाउंडर हैं और उनके लिए करोड़ों रुपये खर्च करके हवेली बनवाना नामुमकिन है. बताया गया है कि वर्ष 2023 में सबसे पहले एहसान गायब हुआ. फिर उसने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा जॉइन कर लिया. इसके बाद उसे पाकिस्तान से पैसे मिलने लगे और फिर तेज रफ्तार से आतंकी एहसान का महल बनकर तैयार हो गया.
उसका ये घर करीब 30 मरला जमीन से ज्यादा के इलाके में बना हुआ है. 1 मरला करीब 272 स्क्वायर फुट के बराबर होता है. यानी कुल मिलाकर 8 हजार एक सौ फुट से ज्यादा के इलाके में इस आतंकी का मकान बना हुआ था. दिल्ली-नोएडा में इतने बड़े साइज के लग्जरी घर और Pent-houses भी नहीं होते हैं.
पुलवामा में जहां ये घर बना हुआ है वहां जमीन की कीमत करीब 5 लाख रुपये मरला है मतलब डेढ़ करोड़ रुपये तो सिर्फ जमीन की कीमत है और इसके साथ घर बनाने में लगा खर्च मिलाएं तो बजट 2 करोड़ रुपये को पार कर रहा है.
अय्याश जिंदगी जी रहे आतंकी
एहसान जैसे अय्याश आतंकियों को अगर कोई कश्मीरी अपना मानता है तो वो भी गलती कर रहा है क्योंकि ये मुनाफाखोर किसी के सगे नहीं हैं. इन आतंकियों ने सिर्फ पैसा कमाने के लिये आतंकवाद का रास्ता चुना. कश्मीर के ये आतंकी सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हैं. वे ब्रांडेड कपड़ों, महंगे मोबाइल फोन और गाड़ियों के साथ अक्सर अपनी तस्वीरें अपलोड करते हैं. इन्हें देखकर आप भी सोचेंगे कि भला एक आतंकी ऐसी जिंदगी कैसे गुजार रहा है.
आतंक का महल बनवाने वाले आतंकियों की सीरीज में अगला नाम है टेररिस्ट शाहिद अहमद कुट्टे का.. जो लश्कर का कमांडर है. कश्मीर के शोपियां में आतंकी शाहिद का महल था और उस घर को भी सिक्योरिटी एजेसियों ने बारूद से तबाह कर दिया. बर्बाद होने के बाद भी इस महल को देखकर साफ पता चल रहा है कि आतंकी शाहिद ने इसे बनवाने में कितना बड़ा बजट लगाया होगा.
शोपियां में आतंकी का घर छोटीपोरा गांव में बना हुआ है. वहां आसपास के सभी घर इसके मुकाबले कहीं नहीं ठहरते. करीब साढ़े 5 हजार स्क्वायर फीट के प्लॉट पर 50 लाख रुपये खर्च करके ये महल बनवाया गया है. सड़क के ठीक किनारे बना ये दो-मंजिला मकान कंक्रीट और लकड़ी से बना हुआ है. जिसकी अच्छी तरह से डेंटिंग-पेंटिंग की गई. घर के ऊपरी हिस्से में एक हॉल था. अंदर और बाहर से इस महल को बेहतरीन लकड़ी का काम करवाकर बनाया गया था. इसमें महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान लगे हुए थे. जो घर के गिरने के बाद बर्बाद हो चुके हैं. यानी जो आतंकी शाहिद दूसरों के घर उजाड़ता था. आज खुद उसका घर भी मिट्टी में मिल गया है.
आतंकियों के लिए काल बनी सेना
आपने देखा होगा कि नौकरी करने वाले कर्मचारियों का एक सालाना पैकेज होता है..ज्यादातर कंपनियों में कर्मचारियों का हर साल इंक्रीमेंट भी होता है. कश्मीर के इन आतंकियों को देखकर ऐसा लग रहा है मानो इनका पैकेज लाखों-करोड़ों में है और हर साल इन्हें इंक्रीमेंट के साथ बंपर बोनस भी मिल रहा है.
दावा है कि शाहिद 2023 में आतंकी संगठन लश्कर में शामिल हुआ और उसके बाद ये शानदार घर बना. आतंकी शाहिद के पिता किसान हैं. कश्मीर के ज्यादातर किसान ऐसा घर नहीं बनवा पाते हैं. आतंकवादी शाहिद पिछले 3-4 सालों से घाटी में एक्टिव है..आज उसका घर मिट्टी में मिला है. जिस तरह से सेना और सुरक्षाबल ऑपरेशन कर रहे हैं. जल्दी ही आतंकी शाहिद भी मिट्टी में मिल जायेगा. पर खुद के लिये महल बनवाकर इस आतंकी ने कश्मीर के लोगों की आंखें खोल दी हैं..कश्मीर का एक तबका ऐसा था जो आंखें मूंदकर आतंकियों को सपोर्ट करता था. पर इनके महल देखकर अब ऐसे कश्मीरियों का मन बदल रहा होगा.
आतंकवादियों के महलों की तस्वीरें देखकर आप सोचेंगे कि क्या ये टेररिस्ट कश्मीर में जेहाद बेचने का बिजनेस कर रहे हैं. आज पाकिस्तान इन्हें पैसे दे रहा है. कल अगर कोई और देश इन्हें ज्यादा पैसे देगा तो शायद ये उनके लिये भी बंदूक उठा लेंगे. और ये भी संभव है कि अपने कश्मीरी भाइयों को उसी तरह से गोली मार देंगे. जिस तरह पहलगाम में पर्यटकों के साथ किया गया.
हर साल 300 करोड़ खर्च करता है पाकिस्तान
कश्मीर के कुलगाम में बीती रात आतंकवादी जाकिर अहमद गनी के घर को बारूद की मदद से उड़ा दिया गया..इस घर के टुकड़े-टुकड़े हो चुके हैं. इन आतंकियों को कश्मीर के नेता भटके हुए नौजवान कहते हैं. पर इनके महल की तस्वीरें देखने के बाद क्लियर है कि ये जेहाद करने के लिये बंदूक नहीं उठाते बल्कि नोट छापने और अपने लिये महल बनवाने के लिये आतंकवादी बनते हैं.
आप सोच रहे होंगे कि आतंकवादियों को ये पैसे कहां से मिल रहे हैं..जिससे वो अपना महल खड़ा कर रहे हैं..तो हमने आपको पहले ही बता दिया कि ये पैसे पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में हमला करनेवाले आतंकियों को दिये जाते हैं. कश्मीर में बड़ा हमला करने पर आतंकियों को 2 लाख रुपये तक का इनाम मिलता है. इसके अलावा बड़े कमांडर्स को हर महीने 50 हजार रुपये भी मिलते हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान हर साल कश्मीर में आतंकवाद बढ़ाने के लिये 300 करोड़ रुपये तक खर्च करता है. यही करोड़ों रुपये लेकर आतंकी कश्मीर में अपना महल बनवाने लगते हैं. भारत में लिबरल गैंग अक्सर बयान देता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है. इन महलों को देखकर एक बात तय है कि आतंकियों का एक ही धर्म है और वो है पैसे कमाना. कश्मीर में जेहाद के नाम पर इस समय यही हो रहा है. ऐसे जेहादियों को उनके महल के साथ ही बांधकर उड़ा देना चाहिए.