आतंकी संगठन पहले अपने लोगों से घाटी में जघन्य आपराधिक वारदातों को मार्मिक रंग देकर लोगों को सुरक्षाबलों के खिलाफ भड़काना और हिंसा की आग को तेज करना चाहते है.
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में तेजी से सामान्य हो रहे हालात के बीच आतंकी लगातार घाटी को हिंसा की आग में झोंकने की साजिश रच रहे हैं. इन दिनों ऐसा कोई भी मौका अपने हाथों से नहीं निकलने देना चाहते हैं जो जम्मू-कश्मीर में हिंसा की आग को हवा दे सकती है. आलम यह है कि आतंकी संगठन पहले अपने लोगों से घाटी में जघन्य आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलाते हैं, फिर इन वारदात की तस्वीरों को मार्मिक रंग देकर सोशल मीडिया में प्रसारित करना शुरू कर देते हैं. इस साजिश के पीछे आतंकियों का मकसद घाटी में लोगों को सुरक्षाबलों के खिलाफ भड़काना और हिंसा की आग को तेज करना है.
इसी साजिश के तहत आतंकियों ने इस बार घाटी में हिंसा फैलाने के लिए 9 वर्षीय बच्चे के शव की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल, गुरुवार को कुपवाड़ा के जंगलों से 9 वर्षीय बच्चे का शव बेहद बुरी हालत में बरामद किया गया था. इस बच्चे की पहचान गुलगाम निवासी अमर फारुख मलिक के रूप में हुई थी. उमर सोमवार (16 जुलाई) की शाम चार बजे से लापता था. सूत्रों के अनुसार उमर कुलगाम के एक स्कूल में तीसरी क्लास का छात्र था. 16 जुलाई की शाम 4 बजे वह अपने घर से स्कूल के लिए निकला था. जिसके बाद उसका कुछ पता नहीं चला. उमर के पिता फारुख अहमद मलिक ने पुलिस को भी शिकायत दी, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उमर का कुछ पता नहीं चला.
गुशी के नाले से मिला था बच्चे का शव
सूत्रों के अनुसार, गुरुवार (19 जुलाई) की शाम स्थानीय लोगों ने बेहद बुरी हालत में गुशी इलाके स्थित नाले के पास एक बच्चे के शव को देखा. कुछ ही पलों में यह खबर आग की तरफ पूरे इलाके में फैल गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शव की शिनाख्त कराई. जिसमें पता चला कि यह शव गुलगाम से लापता हुए 9 वर्षीय बच्चे उमर का ही है. अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि 9 वर्षीय उमर फारुख मलिक की हत्या के पीछे किसी आतंकी संगठन का काम है या फिर स्थानीय नागरिक ने उसकी निर्मम हत्या की है. उमर की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक स्पेशल इंवेस्टिगेटिव टीम का गठन कर दिया है.
Appeal to assist your Police in tracing 11 year old Umar Farooq Malik of Gulgam Kupwara. He is missing since yesterday evening. Anybody with a clue may contact on 7051404914. @JmuKmrPolice @spvaid @DIGBaramulla @kupwara_police pic.twitter.com/wEhxJKehj4
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) July 17, 2018
लोगों के गुस्से का फायद उठाना चाहते हैं आतंकी
मासूम उमर की जिस तरह से हत्या की गई है, उसको देखने के बाद इलाके के हर शख्स का दिल गुस्से से भरा हुआ है. आतंकी संगठन अब इसकी गुस्से का फायदा सुरक्षाबलों के खिलाफ उठाना चाहते हैं. आतंकी संगठनों को पता है कि चार दिनों तक चली तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस बच्चे को खोज निकालने में असफल रही थी. जिसकी नाराजगी लोगों के दिलों में है. मौके की तलाश में घूम रहे आतंकियों ने अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए इस गुस्से का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. आतंकी संगठन, अपने चहेतों के ट्वीटर हैंडल से बच्चे की पुरानी तस्वीर के साथ, उसके शव की तस्वीर पोस्ट कर रहे हैं. इन ट्वीट में लिखे अल्फाजों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों के खिलाफ घाटी को भड़काने के लिए किया जा रहा है.
मासूम के शव के जरिए नए पत्थरबाजों की भर्ती
सुरक्षाबल के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पत्थरबाजों की संख्या में तेजी से आई कमी ने आतंकी संगठनों को परेशान कर दिया है. अभी तक सुरक्षाबलों की गिरफ्त से अपने आतंकियों को निकालने के लिए इन्हीं पत्थरबाजों का इस्तेमाल आतंकी संगठन कर रहे थे. आतंकी संगठन किसी भी कीमत में घाटी में पत्थरबाजों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं. इसके लिए जरूरी है कि पत्थरबाजों के दिल में सुरक्षाबलों के खिलाफ गुस्सा भरा जाए. इस साजिश के तहत आतंकी संगठन नौ साल के बच्चे की हत्या से फैले गुस्से का इस्तेमाल अपने नए पत्थरबाजों की भर्ती के लिए करना चाहते हैं. जिससे सुरक्षाबलों की आतंकियों के खिलाफ होने वाली हर कार्रवाई को रोकने में इन पत्थरबाजों का इस्तेमाल किया जा सके.