BSF In Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में आज BSF की पासिंग आउट परेड समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें साल मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के समय ये 167 रंगरूट आधे प्रशिक्षित थे.
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Jammu-Kashmir News: 'देश पहले, स्वयं दूसरा' की नीति इन 167 भारतीय लड़ाकों द्वारा सिद्ध की गई है, जो आज औपचारिक रूप से BSF की अग्रिम पंक्ति में शामिल हुए. इस साल मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के समय ये 167 रंगरूट आधे प्रशिक्षित थे, लेकिन उन्होंने स्वेच्छा से बीएसएफ को अपनी सेवा प्रदान की और आगे की कार्रवाई के लिए उन्हें स्टैंडबाय रखा गया है. IG BSF प्रशिक्षण कश्मीर सोलोमन यश मिंज ने कहा,' हमारे नए रंगरूट पूरी तरह से तैयार थे कि यदि आवश्यकता पड़ी तो वे ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा बनेंगे. दो सप्ताह के प्रशिक्षण में हमने उन्हें तैयार किया और यदि आवश्यकता पड़ी तो वे नियमित बलों में शामिल हो सकते हैं. उनका मनोबल स्वाभाविक रूप से ऊँचा है. बीएसएफ को सभी परिस्थितियों में स्लिंग ड्यूटी पर तैनात किया गया है और आज वे पूरी तरह से तैयार हैं. हमने उन्हें स्टैंडबाय रखा था और यदि आवश्यकता पड़ी तो हम उनका उपयोग करते.'
आज के पासिंग आउट परेड समारोह में भाग लेने वाले रंगरूट आधे प्रशिक्षित होने के बाद ही सीमाओं पर पहुंच चुके थे और इस साल की शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में नियमित बलों की मदद की थी. श्रीनगर समेत जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर रंगरूटों को तैनात किया गया था ताकि आगे तनाव बढ़ने की स्थिति में तैनाती के लिए तैयार रहें. उन्हें गर्व है कि वे उस ऑपरेशन का हिस्सा थे जिसने पाकिस्तान को उसकी असली पहचान दिखाई.
अमित कुमार रंगरूट ने कहा,' उस समय हमें स्टैंडबाय पर रखा गया था. अगर देश में कोई भी स्थिति उत्पन्न होती है, तो हम पूरी तरह तैयार थे.' सनूप रंगरूट ने कहा,' जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ, तब हम तैयार थे. मुझे छुट्टी पर था बुलाया गया और मैं ऑपरेशन सिंदूर में शामिल होने के लिए तुरंत वापस आ गया. हमें हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था, हमारा प्रशिक्षण आधा-अधूरा था.' ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए एक घातक आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू हुआ था. पहलगाम हमले के तुरंत बाद, भारत की पहली रक्षा पंक्ति, BSF को पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर हाई अलर्ट पर रखा गया था. ऑपरेशन के दौरान BSF ने पाकिस्तानी सीमा चौकियों और आतंकी लॉन्चपैड्स पर हमला करके पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की थी.
आज इन 167 जवानों को, जिन्होंने पहले ही अपना राष्ट्र प्रेम सिद्ध कर दिया था, औपचारिक रूप से BSF में शामिल किया गया. इन जवानों ने 44 सप्ताह का कठोर प्रशिक्षण पूरा कर लिया है. ये प्रशिक्षु देश के उत्तर से दक्षिण तक, कई राज्यों से हैं और आज उन्होंने देश के प्रति निष्ठा की शपथ ली. नए रंगरूट भारतीय सीमा सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर इतने उत्साहित थे कि वे इस खुशी के पल में नाचते-गाते नज़र आए. उन्होंने कहा कि उनका सपना सच हो गया है और वे भाग्यशाली हैं कि उन्हें देश के लिए बलिदान देने का मौका मिला. उन्होंने शपथ ली कि वे हर परिस्थिति में देश की रक्षा करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें अपने प्राणों की आहुति ही क्यों न देनी पड़े.
अभियान सिंह परिहार रंगरूट ने कहा,' शुरू से ही मेरा सपना BSF में शामिल होने का था और आज 44 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद मैं हर मौसम में किसी भी ड्यूटी में भाग लेने के लिए तैयार हूं.' सचिन गोपड़े ने कहा,' 44 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद हम प्रशिक्षित हो गए हैं और हम किसी भी स्थिति से निपट सकते हैं, छत्रपति शिवाजी हमारे आदर्श हैं.' कश्मीर में रक्षा की पहली पंक्ति, बीएसएफ ने अतीत में भी सैकड़ों उत्कृष्ट सीमा-सैनिकों को प्रशिक्षित किया है, जो वर्तमान में बांग्लादेश सीमा से लेकर कश्मीर में नियंत्रण रेखा तक मातृभूमि की सेवा में तैनात हैं.'