कल उच्च सदन में यह बिल पास होने के बाद आज इसे लोकसभा में रखा जाएगा और इस पर चर्चा होगी. इस विधेयक में प्रदेश को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटा गया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.
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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने का संकल्प राज्यसभा में पारित होने के बाद आज जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को लोकसभा में पेश किया जाएगा. कल उच्च सदन में यह बिल पास होने के बाद आज इसे सदन में रखा जाएगा और इस पर चर्चा होगी. इस विधेयक में प्रदेश को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटा गया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.
अमित शाह द्वारा पेश प्रस्ताव के अनुसार, "भारत के राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 3 के प्रावधानों के तहत जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 इस सदन का विचार जानने को भेजा है, क्योंकि भारत के राष्ट्रपति की 19 दिसंबर 2018 की अधिघोषणा के अनुसार, इस सदन के पास जम्मू-कश्मीर राज्य की विधायी शक्ति प्राप्त है"
गृहमंत्री ने विपक्ष को भरोसा दिलाया कि वह विधेयक पर उनके सवालों का जवाब देंगे और आज (मंगलवार को) सदन में विधेयक पेश होने पर बहस में हिस्सा लेंगे. विपक्ष ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताई और शाह से जवाब मांगा है. हालांकि कल लोकसभा में शोर-शराबे के बीच विधेयक पर प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया.
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कल कांग्रेस समेत अन्य कल विपक्षी दलों ने राज्यसभा में इस बिल का विरोध करते हुए इसके खिलाफ वोटिंग की थी. हालांकि आज कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की एक बड़ी जीत के रूप में सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर पुर्नगठन विधेयक 2019 राज्यसभा में पारित हो गया. जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने और अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने को लेकर सरकार ने राज्यसभा में प्रस्ताव पेश किया, जिसे वह पास कराने में कामयाब रही.
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प्रस्ताव को अब लोकसभा में चर्चा और पास कराने के लिए आज यानि मंगलवार को पेश किया जाएगा. एक बार संसद की मुहर लग जाने पर प्रस्ताव कानून बन जाएगा. इसके अनुसार राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा जाएगा. एक विधानसभा वाला जम्मू एवं कश्मीर और दूसरा बिना विधानसभा वाला लद्दाख क्षेत्र.
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राज्यसभा में ही जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019 को पास कराया गया. राज्य में उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव इसमें शामिल है. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्त आ गया है कि अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया जाए, क्योंकि यही सभी परेशानियों की जड़ है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के रहते लोकतंत्र कभी फल-फूल नहीं सकता. उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में राज्य में लगभग 41 हजार लोग मारे गए हैं.