जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में 26 साल से बंद पड़े शीतलनाथ मंदिर में फिर घंटी की आवाज गूंजने लगी है. श्रीनगर में बने इस मंदिर को 1995 में अलगाववादियों ने ध्वस्त कर दिया था.
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जम्मू: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटने के बाद धीरे-धीरे कई ऐतिहासिक बदलाव आ रहे हैं. आतंकी घटनाओं में कमी आने के साथ ही अब वहां बरसों से बंद पड़े हिंदू मंदिर भी फिर से खोले जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
श्रीनगर (Srinagar) में क्षतिग्रस्त हो चुके ऐतिहासिक शीतलनाथ मंदिर (Sheetalnath Temple) को 26 साल बाद खोला गया. इसकी पहल केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) ने की. वे जम्मू कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को कश्मीर में पहुंचे थे. वहां पर उन्होंने 700 साल पुराने शीतलनाथ मंदिर के बारे में पूछताछ की.
उन्हें बताया गया कि वर्ष 1995 में चरारे शरीफ की दरगाह में हुए अग्निकांड के बाद कश्मीरी अलगाववादियों और आतंकियों ने कश्मीर घाटी के सैकड़ों मंदिरों पर हमले करके उन्हें तहस नहस कर दिया था. उनमें से कई मंदिरों को जला दिया गया था. शीतलनाथ मंदिर (Sheetalnath Temple) क्षतिग्रस्त हुए उन्हीं मंदिरों में से एक था.
अफसरों ने उन्हें बताया कि उस घटना के बाद से वह मंदिर बंद पड़ा है. इस पर प्रह्लाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) ने आग्रह करके ऐतिहासिक शीतलनाथ मंदिर को दोबारा खुलवाया और वहां भगवान शिव का अभिषेक किया. पूजा अर्चना से पहले स्थानीय प्रशासन ने इस शिव मंदिर की साफ-सफाई करवाई. इसके बाद मंत्री ने मंदिर में जाकर भगवान शिव के दर्शन कर उन्हें जल चढ़ाया.
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बताते चलें कि जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के हजारों वर्ष के इतिहास को चित्रित करने के लिए ऋृषि कल्हण ने 1148-49 में राजतरंगिणी की रचना की थी. इस काव्य रचना में शीतलनाथ मंदिर का भी उल्लेख किया गया. यह मंदिर कश्मीर के सैकड़ों साल पुराने मंदिरों में से एक है.
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