इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को भारत सरकार ने हाल में ही जम्मू-कश्मीर के लिए वार्ताकार नियुक्त किया है. यहां वे राज्य के सभी पक्षों से अलग-अलग समूहों में या फिर व्यक्तिगत तौर पर मुलाक़ात करेंगे.
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नई दिल्ली/जम्मू :कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की तरफ से नियुक्त विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा पांच दिवसीय यात्रा के लिए सोमवार को जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचे. दिनेश्वर शर्मा ने कहा है कि मैं हर उस व्यक्ति से मिलूंगा तो कश्मीर समस्या से प्रभावित है. इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को भारत सरकार ने हाल में ही जम्मू-कश्मीर के लिए वार्ताकार नियुक्त किया है. यहां वे राज्य के सभी पक्षों से अलग-अलग समूहों में या फिर व्यक्तिगत तौर पर मुलाक़ात करेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख शर्मा कश्मीर घाटी में तीन दिन बिताएंगे और दो दिन जम्मू में बिताएंगे, जहां वह राज्यपाल एन एन वोहरा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत करेंगे. श्रीनगर में उनके विभिन्न नेताओं, छात्र समूहों और युवाओं से मुलाकात करने की संभावना है. शर्मा ने कहा कि वह ऑनलाइन उपलब्ध गलत नारेबाजी और प्रोपेगैंडा पर बात करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि युवा तथा छात्र शांति प्रक्रिया का हिस्सा बनें.
वहीं, इस दौरे को लेकर राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि दिनेश्वर शर्मा का दौरा एक अच्छी पहल है. उनके आने से अच्छे नतीजे आएंगे.
हालांकि उनके दौरे से पहले सैयद अली शाह गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने रविवार को दावा किया कि राज्य सरकार के एक अधिकारी ने गिलानी और शर्मा की बैठक कराने को लेकर उनसे संपर्क साधा है. संगठन ने दावा किया कि उसके नेता केंद्र के प्रतिनिधि शर्मा से मुलाकात नहीं करेंगे.
हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा कि 'राज्य के एक प्रतिनिधि ने चार और पांच नवंबर की दरम्यानी रात हुर्रियत अध्यक्ष से मिलने की इच्छा जताई, ताकि उनकी बैठक नामित वार्ताकार से कराई जा सके'. उन्होंने कहा कि हुर्रियत के मुताबिक 'जबरन कराई जा रही बातचीत' को राजनीतिक या नैतिक आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता. प्रवक्ता ने कहा, 'हम वार्ता की पेशकश खारिज करते हैं... यह महज बयानबाजी और वक्त की बर्बादी है और हुर्रियत या संगठन का कोई भी धड़ा नामित वार्ताकार से न तो मिलेगा और न ही इस बेकार की कवायद में हिस्सा लेगा'.
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वहीं, दिनेश्वर शर्मा की कश्मीर यात्रा से एक दिन पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी यह कह डाला कि कि उनकी पार्टी को उनसे 'बहुत कम' अपेक्षा हैं.
इससे पहले कल दिनेश्वर शर्मा ने कहा कि उनके पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, लेकिन वह घाटी में सोमवार से शुरू हो रही बातचीत की प्रक्रिया को लेकर अपने काम से परखा जाना चाहते हैं. शर्मा ने कहा, 'मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, लेकिन मेरे प्रयासों को अतीत के चश्मे से नहीं, बल्कि गंभीरता के साथ परखना होगा'. खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में कई पक्षों के साथ बातचीत की प्रक्रिया आरंभ होने से पहले किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शर्मा को कश्मीर के लिए वार्ताकार घोषित किया था और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लालकिले से दिए गए भाषण का उल्लेख भी किया था. पीएम मोदी ने बीते 15 अगस्त के अपने भाषण में कहा था, 'ना गाली से, ना गोली से, परिवर्तन होगा गले लगाने से'. यह पूछे जाने पर कि वह आगे क्या करेंगे तो शर्मा ने कहा, 'मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि रातोंरात हालात बदल दूं. परंतु मेरी यह कोशिश होगी कि राज्य में स्थायी शांति सुनिश्चित की जाए'.
(इनपुट भाषा से भी)