Jammu-Kashmir: Srinagar में सर्दी ने तोड़ा 3 दशक का रिकॉर्ड, शून्य से 8.8 डिग्री नीचे पहुंचा पारा
चिल्लई कलां (Chillai Kalan) के दौरान पारा माइनस में ही रहता है. डल झील के साथ-साथ पानी की पाइपों में बर्फ जम जाती है. चिल्लई कलां के दौरान सर्दी से बचाव के लिए स्थानीय लोग खाद्यान्न के साथ कोयला, कांगड़ी और बुखारी के लिए लकड़ी आदि पहले से ही जमा कर लेते हैं.
श्रीनगर: कश्मीर (Kashmir) घाटी में हाड़ कंपा देने वाली ठंड की 40 दिन का सीजन ‘चिल्लई कलां’ (Chillai Kalan) रविवार को समाप्त हो गया. इसी के साथ श्रीनगर में न्यूनतम तापमान पिछले 30 साल में सबसे कम दर्ज किया गया है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर (Jammu-kashmir) की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर (Srinagar) में शनिवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 8.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. बता दें कि साल 1991 के बाद से अभी तक का ये सबसे कम न्यूनतम तापमान (Minimum Temprature) है. कश्मीर में भीषण सर्दी 21 दिसंबर से शुरू होकर 31 जनवरी तक रहता है. इसे ही चिल्लई कलां कहा जाता है.
40 दिन में यूं उतार-चढ़ाव
चिल्लई कलां (Chillai Kalan) के दौरान पारा माइनस में ही रहता है. डल झील के साथ-साथ पानी की पाइपों में बर्फ जम जाती है. चिल्लई कलां के दौरान सर्दी से बचाव के लिए स्थानीय लोग खाद्यान्न के साथ कोयला, कांगड़ी और बुखारी के लिए लकड़ी आदि पहले से ही जमा कर लेते हैं. गौरतलब है कि कश्मीर में ठंड के मौसम को मापने के तीन पैमाने हैं जब यहां भीषण ठंड पड़ती है.
चिल्लई कलां इसका पहला चरण चालीस दिन का होता है. अब दूसरे चरण की शुरुआत हो गई है इस दौरान पहले से कुछ कम सर्दी होती है. वहीं तीसरे और आखिरी चरण की समाप्ति में माना जाता है कि अब मौसम लगभग स्थिर रहेगा.
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दक्षिण कश्मीर का वेदर अपडेट
श्रीनगर (Srinagar) में 13 जनवरी को तापमान शून्य से 8.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि काजीगुंड (Qazigund) में तापमान शून्य से 10.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. वहीं उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के मशहूर पर्यटन स्थल गुलमर्ग (Gulmarg) में न्यूनतम तापमान शून्य से आठ डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. दक्षिणी कश्मीर (South Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam Weather) में न्यूनतम तापमान शून्य से 12 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.
घाटी में तेज ठंड की वजह से जलस्रोत जम गए हैं और पाइपलाइनों में भी पानी जम गया है. ‘चिल्लई-कलां’ रविवार को खत्म हो गया लेकिन कश्मीर के लोगों को अभी ठंड से राहत नहीं मिली है और अगले कुछ दिनों तक तापमान शून्य से नीचे ही रहने की संभावना है.
( इनपुट भाषा से)
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