30 दिन में 52 बच्चों की मौत, आखिर क्यों जा रही है इस अस्पताल में मासूमों की जान?
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30 दिन में 52 बच्चों की मौत, आखिर क्यों जा रही है इस अस्पताल में मासूमों की जान?

सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल में 30 दिनों के अंदर 52 बच्चों की मौत हो गई. 

कुपोषण ने ली 52 बच्चों की जान (फोटो- एएनआई)

नई दिल्ली: झारखंड के जमशेदपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां के सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल में 30 दिनों के अंदर 52 बच्चों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि ये सभी बच्चे कुपोषित थे, जिन्हें गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था. जिसके बाद उन्हें सीसीयू में भर्ती किया गया था. बच्चों की हुई मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि मामले में जो कोई भी दोषी पाया जाएगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

  1. 30 दिनों में हुई 52 बच्चों की मौत
  2. अस्पताल ने बनाई जांच टीम
  3. कुपोषण ने ली 52 बच्चों की जान

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बच्चों की मौत से संबंधित आंकड़े ठीक नहीं

बच्चों की मौत के लिए बनाई गई जांच टीम में डायरेक्टर मेडिकल एंड एजुकेशन डॉ एएन मिश्रा, रीजनल डिप्टी डायरेक्टर डॉ हिमांशु भूषण और सिविल सर्जन डॉ केसी मुंडा शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बच्चों की मौत को लेकर बीएचटी व डाटा एंट्री की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि अस्पताल में बच्चों की मौत से संबंधित आंकड़े ठीक नहीं है. बीएचटी और डाटा एंट्री में बच्चों की उम्र अलग-अलग लिखी गई है. 

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हर महीने बढ़ रही बच्चों के भर्ती होने की संख्या

टीम ने जांच में पाया कि अस्पताल में हर माह बच्चों के भरती होने की संख्या बढ़ रही है, जिसके साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. सबसे अधिक मौत एनआइसीयू में ही हुई है. निदेशक प्रमुख डॉ सुमंत मिश्रा ने कहा कि बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा जांच पूरी होने पर दोषियों के नाम सामने आने पर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

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बता दें कि राज्य में कुपोषण की समस्या के निदान के लिए सरकार के स्तर पर कई योजनाएं चला रही है. स्वास्थ्य परीक्षण के माध्यम से इनकी मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी है. फिर भी राज्य में कुपोषण की समस्या भयावह रूप लेती जा रही है. 

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