डोकलाम विवाद: चीन के खिलाफ भारत को मिला जापान का साथ, भड़का चीन जापान को फटकारा
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डोकलाम विवाद: चीन के खिलाफ भारत को मिला जापान का साथ, भड़का चीन जापान को फटकारा

डोकलाम भूटान और चीन के बीच विवादित क्षेत्र है. भारत का कहना है कि यह क्षेत्र भूटान का है और चीनी सैनिक इस क्षेत्र में घुस आए हैं, जिससे भारत के रणनीतिक हित प्रभावित होते हैं.

जापान मौजूदा विवाद पर “करीबी नजर” रखे हुए है. जापान का मानना है कि इस विवाद से पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर असर पड़ सकता है (फाइल फोटो)

बीजिंग: चीन ने शुक्रवार को जापान को फटकार लगाते हुए कहा कि वह चीन, भारत सीमा विवाद पर 'बिना सोचे-समझे' बयानबाजी करने से बाज आए. यदि वह इस मुद्दे पर भारत का समर्थन करना चाहता है, ऐसी स्थिति में भी वह इस तरह की अनर्गल बयानबाजी से बचे.गौरतलब है कि जापान ने डोकलाम विवाद पर भारत का समर्थन किया है. भारत में जापान के राजदूत केन्जी हिरामात्सू ने कहा कि यह क्षेत्र विवादित है और जापान समझता है कि भारत इस विवाद में क्यों उलझा है.

  1. अमेरिका और ब्रिटेन डोकलाम को दो देशों के बीच का मसला बता चुके हैं
  2. ऑस्ट्रेलिया ने भी मसले को बातचीत से सुलझाने की सलाह दी है
  3. जापान और भूटान के बीच तीन दशकों से बहुत ही घनिष्ठ संबंध हैं

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, "हमें पता चला है कि भारत में जापान के राजदूत इस विवाद पर भारत का समर्थन करना चाहते हैं. मैं उन्हें याद दिलाना चाहती हूं कि वह संबद्ध तथ्यों को स्पष्टता से समझे बिना इस तरह की अनर्गल बयानबाजी नहीं करें."

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हुआ ने जापान के राजदूत हिरामात्सू की बातों को झुठलाया. हिरामात्सू ने कहा है कि डोकलाम विवादित क्षेत्र है और किसी भी देश को ताकत के बल पर इसकी यथास्थिति में बदलाव नहीं करना चाहिए.हुआ ने कहा, "डोकलाम के डोंगलांग क्षेत्र में कोई क्षेत्रीय विवाद नहीं है और सीमा निर्धारित की गई है और इसे दोनों पक्षों ने स्वीकार किया है. सेना द्वारा अतिक्रमण के जरिये इस यथास्थिति में बदलाव का प्रयास चीन द्वारा नहीं बल्कि भारत द्वारा किया जा रहा."

गौरतलब है कि जापान पहला देश है, जिसने डोकलाम विवाद पर खुलकर भारत का समर्थन किया है.हुआ चुनयिंग ने भारत से तत्काल प्रभाव से अपनी सेनाएं डोकलाम से हटाने को कहा है. इस क्षेत्र में जून से ही भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है.

हुआ ने कहा कि इस संकट के समाधान हेतु संवाद के लिए भारत को बिना शर्त अपनी सेनाएं हटानी होंगी.गौरतलब है कि डोकलाम भूटान और चीन के बीच विवादित क्षेत्र है. भारत का कहना है कि यह क्षेत्र भूटान का है और चीनी सैनिक इस क्षेत्र में घुस आए हैं, जिससे भारत के रणनीतिक हित प्रभावित होते हैं.

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जापान मौजूदा विवाद पर “करीबी नजर” रखे हुए है. जापान का मानना है कि इस विवाद से पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर असर पड़ सकता है. जापान का भी चीन के संग सीमा विवाद है. जापान का मानना है कि “विवाद में शामिल किसी भी पक्ष को ताकत के बल पर यथास्थिति बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.” चीन द्वारा “यथास्थिति में बदलाव” की कोशिशों पर जापान का पहले भी यही रुख रहा है. 30 जून को भारत ने चीन पर डोकलाम इलाके में यथास्थिति बदलने का आरोप लगाया था.

जापान ने ये भी साफ किया है कि डोकलाम का विवाद मूलतः चीन और भूटान के बीच का विवाद है और दोनों देश इसे स्वीकार करते हैं. डोकलाम में भारत की “मौजदूगी” पर जापान का रुख साफ है कि ये चीन और भारत के बीच हुए समझौते के तहत ही है. पूरे विवाद में भारत के बातचीत से हल निकालने के भारत के रवैये को लेकर भी जापान सकारात्मक है.

सूत्रों के अनुसार चीन द्वारा बार-बार भड़काऊ बयान दिए और किसी भी बड़े देश के एशिया की दो महाशक्तियों के बीच सीधे तौर पर किसी एक का पक्ष न लेने के बाद जापान हिंदुस्तान के पक्ष में खड़ा हुआ है. अमेरिका और ब्रिटेन डोकलाम को दो देशों के बीच का मसला बता चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया ने भी तनाव न बढ़ाने और मसले को बातचीत से सुलझाने की सलाह दी है. यहां ये ध्यान रखना भी जरूरी है कि जापान और भूटान के बीच तीन दशकों से बहुत ही घनिष्ठ संबंध हैं.

 

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