विदेश में पली-बढ़ी लड़की को ऑटो रिक्शा चालक से हुआ प्यार, कनाडा से लेकर भारत में हुई चर्चा और अब...
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विदेश में पली-बढ़ी लड़की को ऑटो रिक्शा चालक से हुआ प्यार, कनाडा से लेकर भारत में हुई चर्चा और अब...

एक जाट सिख लड़की पंजाब की यात्रा के दौरान ऑटोरिक्शा चालक सुखविंदर सिंह के प्यार में पड़ गई.

.(फोटो साभार- CBC British Columbia)

चंडीगढ़: कनाडा में जन्मी जसविंदर कौर सिद्धू की ‘झूठी शान की खातिर हत्या’ के 18 वर्ष के बाद हत्यारोपी उसकी मां और चाचा को कनाडा से प्रत्यर्पित कर पंजाब लाया जा रहा है. राज्य के पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को इस खबर की पुष्टि की. इस मामले में प्रत्यर्पण हत्या के 18 साल और छह महीने बाद हुआ है. कनाडा से लाए जाने वालों में जस्सी की मां मलकीत कौर सिद्धू और मामा सुरजीत सिंह बदेशा हैं. वैंकूवर से लाए गए दोनों आरोपी गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंचे. उन्हें अब पंजाब ले जाया जा रहा है. जस्सी को जसविंदर सिद्धू के रूप में भी जाना जाता है.

ऑनर किलिंग के इस मामले की कनाडा के भारतीय समुदाय में खूब चर्चा रही
जून, 2000 में भारत यात्रा के दौरान कथित तौर पर रिश्तेदारों के इशारे पर पंजाब में उस कर दी गई थी, जो उसके प्रेम विवाह करने से नाराज थे. ऑनर किलिंग के इस मामले की कनाडा के भारतीय समुदाय में खूब चर्चा रही. पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "सुरजीत बदेशा और उसकी बहन मलकीत सिद्धू ने जस्सी (मलकीत की बेटी) को खत्म करने के लिए हत्यारों को सुपारी दी थी." 

एक जाट सिख लड़की जस्सी सिद्धू, 1996 में पंजाब की यात्रा के दौरान जगरांव में ऑटोरिक्शा चालक सुखविंदर सिंह मिठू के प्यार में पड़ गई. वह ब्रिटिश कोलंबिया के मेपल रिज की निवासी थी. जस्सी के प्रभावशाली परिवार की मर्जी के खिलाफ 1999 में दोनों ने शादी कर ली. उस समय 25 वर्षीय जस्सी और मिठू पर कथित तौर पर आठ जून 2000 को संगरूर में मलेरकोटला के नरिके गांव में ठेके के हमलावरों ने हमला किया था. हमलावरों को जस्सी के मां और चाचा ने सुपारी दी थी.  जस्सी 1999 में भारत आई दोनों ने गुपचुप तरीके से शादी कर ली. जून 2000 में सुखविंदर के गांव के पास जस्सी की भाड़े के हत्यारों द्वारा उस समय हत्या कर दी गई थी, जब जोड़ा स्कूटर पर जा रहा था.

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.(फोटो साभार- CBC British Columbia)

पंजाब पुलिस की जांच ने पुष्टि की थी 
पंजाब पुलिस की जांच ने पुष्टि की थी कि कनाडा में बैठी मलकीत सिद्धू और उसके भाई सुरजीत बदेशा ने परिवार के सम्मान के नाम हत्या की साजिश रची थी. भारत ने 266 फोन कॉलों के आधार पर वर्ष 2005 में औपचारिक रूप से मुकदमे का सामना करने के लिए बदेशा और मलकीत सिद्धू को प्रत्यर्पित करने के लिए कनाडा से अनुरोध किया था.

सितंबर, 2017 में दोनों आरोपी भारत में प्रत्यर्पित किए जाने के कगार पर थे
मई, 2014 में वैंकूवर में ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में एक प्रत्यर्पण न्यायाधीश ने आदेश दिया था कि जस्सी के मामा और मां को मुकदमे का सामना करने के लिए भारत भेज दिया जाना चाहिए. लेकिन ब्रिटिश कोलंबिया की अपील अदालत ने कैदियों के साथ व्यवहार को लेकर भारत के रिकॉर्ड के आधार पर निर्वासन के आदेश को पलट दिया था. 

कनाडा के अधिकारियों ने पंजाब पुलिस की एक टीम से पूछताछ की थी
सितंबर, 2017 में दोनों आरोपी भारत में प्रत्यर्पित किए जाने के कगार पर थे, कनाडा के सुप्रीम कोर्ट के अंतिम मिनट के फैसले ने प्र्त्यपण रोक दिया, जिससे पंजाब पुलिस इस निर्णय से चकित रह गई थी. कनाडा के अधिकारियों ने पंजाब पुलिस की एक टीम से पूछताछ की थी, जो हत्या के मुकदमे के लिए आरोपियों को पंजाब लाने के लिए गई थी, जो वैंकूवर से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार थी. 

कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय ने नौ-न्यायाधीशों की पीठ के एक सर्वसम्मत फैसले में जस्सी सिद्धू की मां और मामा को हत्या मामले में भारत के पंजाब में प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त किया गया था.  शीर्ष कनाडाई अदालत ने एक निचली अदालत के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसने वैंकूवर के पास मेपल रिज से दोनों आरोपियों के प्रत्यर्पण को रोक दिया था. 

इनपुट आईएएनएस से भी 

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