Holi: पहचान रहे हैं न? होली के रंग में रंगे यह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, वीडियो भी देखिए
Advertisement
trendingNow12679560

Holi: पहचान रहे हैं न? होली के रंग में रंगे यह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, वीडियो भी देखिए

Holi Festival: नेहरू ने अपनी आत्मकथा माई स्टोरी में अपने बचपन की होली को याद करते हुए लिखा था कि त्योहार के आते ही वे और उनके साथी जोश से भर जाते थे. होली के दिन पूरा इलाहाबाद रंगों से सराबोर होता था.

Holi: पहचान रहे हैं न? होली के रंग में रंगे यह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, वीडियो भी देखिए

Nehru Holi celebration: होली सिर्फ रंगों का नहीं बल्कि दिलों को जोड़ने का भी त्योहार है. जब पूरा देश इस पर्व की मस्ती में डूब जाता है तो ऐतिहासिक होली के कुछ किस्से भी याद आ जाते हैं. भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की होली भी ऐसी ही थी. रंगों, उमंगों और जनता के साथ घुलने मिलने की अनोखी मिसाल. नेहरू की होली की तस्वीरें और वीडियो आज भी इस बात की गवाही देते हैं कि वह इस त्योहार को कितनी आत्मीयता से मनाते थे.

तीनमूर्ति भवन में जनता के साथ होली का जश्न
असल में बतौर प्रधानमंत्री नेहरू जब तक तीनमूर्ति भवन में रहे तब तक होली का खास उत्सव वहां मनाया जाता था. दिलचस्प बात यह थी कि इस दिन आम जनता के लिए प्रधानमंत्री का आवास खोल दिया जाता था. हजारों की संख्या में लोग वहां पहुंचते, गुलाल उड़ता, पिचकारियों से रंग बरसता और हर कोई इस खुशी के मौके का हिस्सा बनता. तब सुरक्षा को लेकर सख्त नियम नहीं थे और प्रधानमंत्री भी अपने लोगों के साथ खुलकर त्योहार मनाते थे.

1963 तक जारी रहा यह सिलसिला
तीनमूर्ति भवन में यह अनोखा होली समारोह 1963 तक चला. लेकिन 1964 में जब नेहरू अस्वस्थ थे तब यह आयोजन नहीं हो सका. फिर उसी साल 27 मई को उनके निधन के साथ ही यह परंपरा भी खत्म हो गई. हालांकि उनकी होली की तस्वीरें और कहानियां आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं और उस दौर की सादगी और आत्मीयता की झलक दिखाती हैं.

आत्मकथा में भी किया था होली का जिक्र
नेहरू ने अपनी आत्मकथा माई स्टोरी में अपने बचपन की होली को याद करते हुए लिखा था कि त्योहार के आते ही वे और उनके साथी जोश से भर जाते थे. होली के दिन पूरा इलाहाबाद रंगों से सराबोर होता था और बच्चे पिचकारियों से एक दूसरे पर रंग डालते थे. यह त्योहार उनके लिए सिर्फ मस्ती ही नहीं बल्कि यादों का एक खूबसूरत हिस्सा था. ऐसे में किसी शायर की वो लाइन जरूर याद आती है.. धूल-गुबार में जंतर-मंतर, रंग-बिरंगा परजा-तंतर.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news