नई दिल्‍ली: कांग्रेस के दिग्‍गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) आज कांग्रेस (Congress) छोड़कर बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए. उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनावों से पहले राज्‍य कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेताओं में से एक जितिन प्रसाद के बीजेपी में आने से पार्टी को फायदा हो सकता है. इस मौके पर उन्‍होंने बीजेपी को सही मायनों में राष्‍ट्रीय पार्टी बताया. खैर ये पहला मौका नहीं है जब जितिन प्रसाद के परिवार ने बगावत की हो. 


तीन पीढ़ियों से कांग्रेस से जुड़ा था परिवार 


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जितिन प्रसाद के परिवार का कांग्रेस से रिश्‍ता तीन पीढ़ी पुराना है. साथ ही इस परिवार का बगावत करने का इतिहास भी पुराना है. बगावत करने में जितिन प्रसाद अपने परिवार के पहले सदस्‍य नहीं हैं, बल्कि इससे पहले उनके पिता जितेंद्र प्रसाद (Jitendra Prasada) भी ऐसा कर चुके हैं. उन्‍होंने तो सीधे कांग्रेस की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था. 


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सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ा था चुनाव 


वरिष्‍ठ दिवंगत नेता जितेंद्र प्रसाद ने साल 2000 में सोनिया गांधी के लगातार पार्टी अध्‍यक्ष बने रहने का विरोध करते हुए उनके खिलाफ अध्‍यक्ष पद का चुनाव लड़ा था. हालांकि उन्‍हें इसमें करारी हार मिली थी. इसमें सोनिया गांधी को 7,542 वोट और जितिन प्रसाद को महज 94 वोट मिले थे. हालांकि इस चुनाव में हार के बाद भी वो खासे सक्रिय रहे. 2004 में उन्‍होंने अपने गृहक्षेत्र शाहजहांपुर से लोकसभा का चुनाव जीता और फिर 2008 में वह पीएम मनमोहन सिंह की कैबिनेट में मंत्री बने. 


वहीं राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जितिन प्रसाद कांग्रेस से 2 बार सांसद रह चुके हैं. बता दें कि बीते साल कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर बड़े बदलावों की मांग करने वाले जी-23 नेताओं में जितिन प्रसाद भी शामिल थे.