J&K: पाकिस्तानी गोलाबारी में 6 मकान क्षतिग्रस्त, BSF ने दिया मुहतोड़ जवाब
कई घंटों तक चली इस गोलाबारी में शहरी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिस कारण यहां के 6 मकानों को भारी नुकसान पहुंचा.
श्रीनगर: पाकिस्तान (Pakistan) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के हीरानगर सेक्टर में पाकिस्तान रेंजर्स ने गुरुवार देर रात गोलाबारी शुरू कर दी. कई घंटों तक चली इस गोलाबारी में शहरी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिस कारण यहां के 6 मकानों को भारी नुकसान पहुंचा. जिसके बाद बीएसएफ (BSF) के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तानी सेना को मुहतोड़ जवाब दिया.
अधिकारियों ने बताया कि पिछले कई महीनों से पाकिस्तानी रेंजर्स शहरी ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसी ही एक कोशिश उन्होंने कल रात भी की जिसमें सीमावर्ती गांव चक चंगा और छन्न टांडा के कई घरों को नुकसान पहुंचा है. इस दौरान गांव के मध्य स्थित एक मंदिर की दीवार भी गोलियों से छलनी हो गई है. वहीं कई घरों की दीवारों में दरारें आ गईं हैं. बता दें कि इस घटना से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है और उनका कहना है कि अगर गोलाबारी का कोई समाधान नहीं हुआ तो मजबूर में उन्हें गांव खाली करना पड़ेगा.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के आक्रामक अभियान से पाकिस्तान में खलबली मची हुई है. यहां सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर पिछले 4 दिनों में 6 आतंकियों को मार गिराया है. सुरक्षाबलों ने गुरुवार को दानिश नाम के एक आतंकी को भी मार गिराया था. उससे बड़ी संख्या में हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ था.
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि पिछले चार दिनों में तीन अलग-अलग जगहों पर चले ऑपरेशन में 6 आतंकवादी मारे गए हैं. इसमें से 4 आतंकियों के नाम कश्मीर में सक्रिय टॉप 10 आतंकी की सूची में शामिल थे. मरने वाले आतंकियों में उत्तरी कश्मीर में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा का सबसे बड़ा कमांडर सज्जाद हैदर, उसका पाकिस्तानी साथी उस्मान और एक स्थानीय कश्मीरी सहयोगी अनाईतुल्ला भी शामिल था.
डीजीपी ने बताया कि सज्जाद हैदर कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था और उसने जिहाद के नाम पर कई कश्मीरी युवाओं को कट्टरपंथी बनाया. उसके मारे जाने से कश्मीर के लोगों को राहत मिलेगी. गुरुवार को भी एक मुठभेड़ में पाकिस्तानी आतंकवादी दानिश मारा गया. इसके अलावा दो अन्य आतंकियों में से एक लश्कर कमांडर नसीर-उ-दीन लोन भी था, जो 18 अप्रैल को सोपोर और 4 मई को हंदवाड़ा में सीआरपीएफ के कुल 6 जवानों की हत्या में शामिल था. हंदवाड़ा हमले के दौरान आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक जवान से बंदूक छीन ली थी. जिसे नसीर लोन से बरामद कर लिया गया. सुरक्षाबलों के लिए नसीर लोन और दानिश का मारा जाना एक बड़ी कामयाबी है.
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