लेफ्टिनेंट उमर फ़याज़ हत्या में हिज़बुल-लश्कर का हाथ, पुलिस ने जारी की तीन आतंकियों की फ़ोटो
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लेफ्टिनेंट उमर फ़याज़ हत्या में हिज़बुल-लश्कर का हाथ, पुलिस ने जारी की तीन आतंकियों की फ़ोटो

कुलगाम में कश्मीर के युवा सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फ़याज़ की हत्या में हिज़बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों का हाथ है.

इन तीनों के नाम ग़यास-उल-इस्लाम, अशफ़ाक़ ठोकर और अब्बास हैं. (एएनआई फोटो)

श्रीनगर: कश्मीर के युवा सैन्य अधिकारी उमर फैयाज की हत्या में वांछित हिज्बुल मुजाहिद्दीन के तीन आतंकवादियों के फोटोग्राफ वाले पोस्टर शोपियां के विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार (12 मई) को पुलिस ने चस्पा किए और उनके बारे में सूचना देने वालों को ईनाम की पेशकश की है. पुलिस ने लेफ्टिनेंट फैयाज का अपहरण कर हत्या करने में शामिल तीन आतंकवादियों की पहचान पद्देरपुरा गांव के निवासी इशफाक अहमद ठोकर और ग्यास उल इस्लाम तथा मंत्रीबुग के अब्बास अहमद भट के रूप में की है.

लेफ्टिनेंट फैयाज (22) का मंगलवार (9 मई) को अपहरण कर लिया गया था और अगले दिन सुबह शोपियां में उनका शव बरामद किया गया था. वह एक रिश्तेदार के शादी समारोह में हिस्सा लेने वहां गए थे. इस घटना से देश भर में क्षोभ व्याप्त हो गया और सेना ने उनके हत्यारों को दंडित करने का संकल्प जताया जबकि रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने हमले को आतंकवादियों द्वारा किया गया ‘कायराना हरकत’ करार दिया.

कुलगाम जिले के रहने वाले लेफ्टिनेंट फैयाज जम्मू के अखनूर क्षेत्र में पदस्थापित थे और पिछले वर्ष दिसम्बर में सेना में उन्हें कमीशन प्राप्त हुआ था. जिला पुलिस शोपियां द्वारा लगाए गए पोस्टर में आतंकवादी हाथों में बंदूक लिए हुए हैं और इस पर संदेश लिखा हुआ है -- ‘उपयरुक्त अपराधी उमर फैयाज पारे पुत्र फैयाज अहमद पारे, निवासी सरसोना कुलगाम की हत्या सहित कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं...’

इससे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने शक जताया था कि हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े आतंकवादियों ने सेना के युवा कश्मीरी अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या की होगी और इस वारदात में पुलिसकर्मियों से छीनी एक इंसास राइफल का इस्तेमाल किया गया होगा. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार (11 मई) को यह भी कहा कि फयाज के शव पर प्रताड़ना का कोई निशान नहीं था. हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.

कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक एसजेएम गिलानी ने कहा था, ‘हमने प्रारंभिक जांच की है. यह शोपियां में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन के एक मॉड्यूल (की संलिप्तता) की ओर इशारा करता है.’ पुलिस को उस स्थान से एक इंसास राइफल और दो खाली कारतूस मिले हैं, जहां शोपियां में फयाज की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.

उन्होंने कहा था, ‘दक्षिण कश्मीर में हाल ही में हथियार छीनने की दो घटनाएं हुई हैं. हमारे पास इस बारे में सुराग है कि कुलगाम में हथियार छीनने की घटना को लश्कर आतंकवादियों ने अंजाम दिया जबकि शोपियां अदालत परिसर (दो मई को) में हथियार छीनने की घटना में हिजबुल आतंकवादी शामिल थे. इसलिए यह उन हथियारों में से एक हो सकता है. गिलानी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है लेकिन फयाज के शव पर प्रताड़ना का कोई निशान नहीं है. उन्होंने बताया कि शव परीक्षण करने वाले चिकित्सकों और पुलिस को प्रताड़ना का कोई निशान नहीं मिला.

गौरतलब है कि फयाज यहां से करीब 74 किलोमीटर दूर बाटापुरा में अपने मामा की बेटी की शादी में शरीक होने गए थे जहां से मंगलवार (9 मई) रात करीब 10 बजे आतंकवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया था. गोलियों से छलनी उनका शव बुधवार (10 मई) सुबह मिला. कुलगाम जिला निवासी फयाज पिछले साल दिसंबर में सेना में शामिल हुए थे. सेना ने इस जघन्य आतंकी हरकत को अंजाम देने वालों को न्याय के दायरे में लाने का संकल्प लिया है.

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