Pahalgam attack News Update: आप सबने इजराइल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी मोसाद (MOSSAD) की खूब सारी कहानियां सुनी होंगी, लेकिन इस बार आप कश्मीर में सुरक्षा बलों की कहानी सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे. जानें कैसे एक जले हुए एंड्रॉइड चार्जर से आतंकी साजिश का पर्दाफाश हुआ है. जिसका सीधा कनेक्शन पहलगाम आतंकी हमला से था.
Trending Photos
)
Pahalgam Terror Attack Key Lashkar Operative Arrested: कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों ने ‘मोसाद’ जैसी चतुराई दिखाते हुए एक जले हुए एंड्रॉइड चार्जर से आतंकी साजिश का भंडाफोड़ कर दिया है. पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को रसद देने वाले मोहम्मद यूसुफ कटारी को जानें किस तरह सुरक्षा बलों ने पकड़ा.
एक चार्जर ने खोली साजिश
अगर व्यवस्थित तरीके से प्रयास किया जाए, तो एक छोटा-सा सबूत भी किसी बड़ी साजिश को उजागर करने में मददगार साबित हो सकता है. कश्मीर में सुरक्षा बलों ने यह साबित कर दिया है. एक क्षतिग्रस्त एंड्रॉइड फोन चार्जर के कारण एक शीर्ष ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) की गिरफ्तारी हुई. 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान करने वाले एक ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) मोहम्मद यूसुफ कटारी को क्षतिग्रस्त चार्जर से मिले सुराग के आधार पर सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया गया है.
जला हुआ चार्जर मिला
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने 28 जुलाई को मुठभेड़ स्थल से आंशिक रूप से नष्ट हुआ चार्जर बरामद किया और इसका उपयोग कुलगाम के 26 वर्षीय स्कूल शिक्षक कटारी का पता लगाने के लिए किया गया.
"ऑपरेशन महादेव" के दौरान मिला था चार्जर
28 जुलाई, 2025 को "ऑपरेशन महादेव" के दौरान, सुरक्षा बलों ने पहलगाम नरसंहार में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराया. घटनास्थल से बरामद वस्तुओं के फोरेंसिक विश्लेषण में एक आंशिक रूप से जला हुआ एंड्रॉइड मोबाइल फोन चार्जर भी शामिल था.श्रीनगर पुलिस ने मोबाइल दुकान के मालिक का पता लगाया, जिसने पुष्टि की कि उसने फोन और चार्जर एक स्थानीय विक्रेता को बेचा था. स्थानीय डीलर के रिकॉर्ड से पुलिस कटारी तक पहुंची, जिसने सेकेंड-हैंड फोन खरीदा था.
जार्चर का सीरियल नंबर ट्रेस किया गया
पुलिस सूत्रों ने बताया, "फोरेंसिक विशेषज्ञों ने चार्जर के निर्माण और खरीद के सिलसिले में उसका सीरियल नंबर ट्रेस किया, जो श्रीनगर के एक मोबाइल डीलर तक पहुंचा. वहां से यह सुराग कटारी तक ले गया, जिसने कथित तौर पर इसे खरीदा था और बाद में ज़बरवान पहाड़ियों में अपनी एक बैठक के दौरान आतंकवादियों को उपलब्ध कराया था.
पहलगाम आतंकी हमले से सीधा कनेक्शन
"पुलिस ने कहा कि कटारी ने तीनों आतंकवादियों से कम से कम चार बार मुलाकात की थी, उन्हें रसद, जंगली रास्तों का मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता प्रदान की थी, जिसमें वह चार्जर भी शामिल था, जिसने अंततः उसे नेटवर्क से जोड़ा. जांचकर्ताओं का मानना है कि कटारी लश्कर-ए-तैयबा के एक स्थानीय सहयोगी मॉड्यूल का हिस्सा था, जो दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सक्रिय था और मध्य कश्मीर के जंगलों में छिपे समूहों को सहायता प्रदान करता था.
आतंकियों से कटारी ने की थी मुलाकात
उसकी गिरफ्तारी से पुलिस को उस रसद श्रृंखला के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले, जिसने विदेशी आतंकवादियों को जिलों में आने-जाने और काम करने में मदद की .24 सितंबर को गिरफ्तार होने के बाद, कटारी ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि उसने श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के बाहर ज़बरवान पहाड़ियों में आतंकवादियों से चार बार मुलाकात की थी ताकि उन्हें रसद आपूर्ति प्रदान की जा सके, जिसमें वह चार्जर भी शामिल था. उसने क्षेत्र में रसद आपूर्ति प्रदान करने की बात भी कबूल की.
टीचर का काम करता है कटारी
अधिकारियों के अनुसार, खानाबदोश छात्रों के लिए शिक्षक के रूप में काम करने वाला कटारी आतंकवादी समूह का एक प्रमुख स्रोत था. स्थानीय इलाके की उसकी जानकारी और क्षमता ने आतंकवादियों को पहलगाम आतंकवादी हमले को बिना किसी संदेह के अंजाम देने में मदद की.लेकिन एक चार्जरने पहलगाम हमले के पूरे आतंकवादी नेटवर्क और उनकी पूरी गिरोह तक की सूचना दे दी.