जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक और सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश को शनिवार को उस वक्त हिरासत में ले लिया गया जब वे मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में नरबल की ओर मार्च कर रहे थे, जहां एक प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक युवक की मौत हुई है।
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श्रीनगर : जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक और सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश को शनिवार को उस वक्त हिरासत में ले लिया गया जब वे मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में नरबल की ओर मार्च कर रहे थे, जहां एक प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक युवक की मौत हुई है।
पुलिस ने मैसुमा में इन दोनों को एहतियाती हिरासत में लिया क्यों वे लोग नरबल की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे, जहां प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में सुहैल अहमद सोफी की मौत हुई थी और दो अन्य घायल हुए थे। इस हफ्ते की शुरुआत में दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके में सेना के एक अभियान में दो युवकों के मारे जाने के खिलाफ वहां प्रदर्शन हो रहा था।
विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग बस्तियां बसाने के प्रस्ताव के खिलाफ 30 घंटे की भूख हड़ताल में शामिल होने के लिए आज सुबह अग्निवेश मलिक के साथ हो गए। संवाददाताओं से बात करते हुए मलिक ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग बस्तियां बसाने के नाम पर लोगों को बांटने देने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘हम इन बस्तियों की किसी भी कीमत पर इजाजत नहीं देंगे। हम साथ जियेंगे साथ मरेंगे।’ मलिक ने कहा कि पंडित समुदाय को अपनी वापसी के लिए सरकार से बात करने की बजाय कश्मीर के लोगों से बात करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘यदि पंडित भाई बंधुओं को कोई चिंता है तो उन्हें सीधे हमसे बात करनी चाहिए..कश्मीर के लोगों से या यहां सिविल सोसाइटी से। उन्हें सरकार की बजाय हमसे बात करने दीजिए। हम शांति, प्रेम और भाईचारे का वह माहौल बनाना चाहते हैं जो यहां आतंकवाद से पहले थे।’