संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए कार्यक्रम की रूपरेखा उमर खालिद ने तैयार की थी। यह खुलासा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये जेनएयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने किया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उमर के कश्मीरी अलगाववादियों से संबंध हैं। कन्हैया के खुलासे के मुताबिक उमर के पास कश्मीर से कई संदिग्ध युवक आते रहते थे।
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नई दिल्ली : संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए कार्यक्रम की रूपरेखा उमर खालिद ने तैयार की थी। यह खुलासा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये जेनएयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने किया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उमर के कश्मीरी अलगाववादियों से संबंध हैं। कन्हैया के खुलासे के मुताबिक उमर के पास कश्मीर से कई संदिग्ध युवक आते रहते थे।
यह बात भी सामने आई है कि भारत के टुकड़े करने और अफजल गुरु की शहादत के नारे भी कश्मीर से आए युवकों ने ही लगाए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 7 फरवरी को जेएनयू परिसर में 10 कश्मीरी युवक आए थे। उमर खालिद ने महीनों तक इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई थी। गौरतलब है कि कश्मीरी युवकों के घुसने के ठीक दो दिन बाद जेएनयू में बड़ा विवाद खड़ा हो गया। छात्रों के एक समूह ने अफजल और मकबूल भट की फांसी को न्यायिक हत्या करार दिया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कई देशद्रोही नारे भी लगाए।
घटना के बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया, जिसे बाद में रिमांड पर भेज दिया गया। कन्हैया कुमार सीपीआई से संबंधित छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन से जुड़ा है। धीरे-धीरे यह मामला बीजेपी बना अन्य राजनीतिक दल में तब्दील होता नजर आया।