पारदर्शिता, सीटों पर रोक... परिसीमन पर DMK की अगुवाई में JAC का 7-सूत्रीय प्रस्ताव पास
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पारदर्शिता, सीटों पर रोक... परिसीमन पर DMK की अगुवाई में JAC का 7-सूत्रीय प्रस्ताव पास

JAC Meeting: परिसीमन को लेकर आज चेन्नई में DMK की अगुवाई में बैठक हुई. बैठक के दौरान जाइंट एक्शन कमेटी ने परिसीमन के मुद्दे पर एक 7 सूत्रीय प्रस्ताव पारित किया है. प्रस्ताव में ये बातें कही है. 

पारदर्शिता, सीटों पर रोक... परिसीमन पर DMK की अगुवाई में JAC का 7-सूत्रीय प्रस्ताव पास

JAC Meeting: देश में लंबे समय से परिसीमन को लेकर घमासान मचा है. बीते दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित परिसीमन को लेकर आज चेन्नई में DMK की अगुवाई में बैठक हुई. बैठक के दौरान जाइंट एक्शन कमेटी ने परिसीमन के मुद्दे पर एक 7 सूत्रीय प्रस्ताव पारित किया है. बैठक के दौरान कमेटी ने चिंता जताई है कि परिसीमन की प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्पष्टता की कमी है. इसमें शामिल राज्यों के साथ विचार- विमर्श नहीं किया गया है, जानिए क्या है 7 सूत्रीय प्रस्ताव.

शामिल हों राजनीतिक पार्टियां
बैठक के दौरान कहा गया है कि लोकतंत्र की सामग्री और चरित्र को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जाने वाले किसी भी परिसीमन प्रक्रिया को ट्रांसपेरेंट तरीके से किया जाना चाहिए, इसमें सभी राज्यों के राजनीतिक दलों, राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों को इसमें विचार-विमर्श, चर्चा और योगदान करने के लिए शामिल होना चाहिए. 

संविधान संशोधनों पर दिया जोर
JAC ने कहा कि 42वें, 84वें और 87वें संविधान संशोधनों के पीछे विधायी मंशा उन राज्यों को संरक्षण/प्रोत्साहित करना था, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया है और राष्ट्रीय जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य अभी तक हासिल नहीं हुआ है, 1971 की जनगणना जनसंख्या के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों पर रोक को और 25 साल के लिए बढ़ा दिया जाना चाहिए.

न दी जाए सजा 
जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया है और जिसके परिणामस्वरूप जिनकी जनसंख्या में कमी आई है, उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए. इस उद्देश्य के लिए केंद्र सरकार को आवश्यक संवैधानिक संशोधन लागू करने चाहिए.

को-आर्डिनेट करना
प्रतिनिधित्व वाले राज्यों के संसद सदस्यों से बनी कोर कमेटी केंद्र सरकार द्वारा ऊपर वर्णित सिद्धांतों के विपरीत किसी भी परिसीमन प्रक्रिया को शुरू करने के किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए संसदीय रणनीतियों को को-आर्डिनेट करेगी. 

संयुक्त प्रतिनिधित्व
सांसदों की कोर कमेटी चल रहे संसदीय सत्र के दौरान पीएम मोदी को इस संदर्भ में संयुक्त प्रतिनिधित्व पेश करेंगे. 

विधान सभा प्रस्ताव 
बैठक में प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न राज्यों के राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर अपने-अपने राज्यों में उचित विधान सभा प्रस्ताव लाने के लिए प्रयास शुरू करेंगे और इसे केंद्र सरकार को सूचित करेंगे.

जागरूकता फैलाने का काम
संयुक्त कार्यकारिणी समिति एक समन्वित जनमत जुटाने की रणनीति के माध्यम से अपने-अपने राज्यों के नागरिकों के बीच पिछले परिसीमन अभ्यासों के इतिहास और संदर्भ और प्रस्तावित परिसीमन के परिणामों के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए आवश्यक प्रयास भी करेगी.

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