मुंबईः डेल्टा फॉक्सट्रॉट रोमियो (डीएफआर) कोई साधारण विमान नहीं है। ये न सिर्फ प्रख्यात उद्योगपति जेआरडी टाटा की विरासत से जुड़ा है बल्कि इसे उड़ान भरने में सक्षम भारत का सबसे पुराना विमान होने का भी गौरव हासिल है।


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इस विमान के बारे में दावा किया जाता है कि यह न सिर्फ उड़ान भरने में सक्षम भारत का बल्कि पूरे एशिया का सबसे पुराना विमान है। पाइपर सुपर कब पीए 18 का पंजीकरण ‘वीटी-डीएफआर’ के तौर पर कराया गया था यानी इसका कॉल साइन ‘वीटी-डीएफआर’ है । ‘वीटी-डीएफआर’ का आयात 1940 के दशक के आखिरी सालों में किया गया था। पंजीकरण के बाद यह बंबई फ्लाइंग क्लब (बीएफसी) के बेड़े में शामिल हुआ था।


देश के सबसे पुराने उड़ान प्रशिक्षण केंद्र बंबई फ्लाइंग क्लब ने अब भी ‘वीटी-डीएफआर’ को अपना रखा है। ‘वीटी-डीएफआर’ की विरासत की खास बात ये है कि जेआरडी टाटा ने भी इसे उड़ाया था। गौरतलब है कि जेआरडी टाटा’ देश के पहले वाणिज्यिक पायलट थे। ‘वीटी-डीएफआर’ का एक खास पहलू यह भी है इसे ऐसे कई प्रशिक्षुओं ने अपने प्रशिक्षण के दौरान इस्तेमाल किया जिन्होंने बाद में विभिन्न एयरलाइनों और उड़ान प्रशिक्षण केंद्रों में अपनी सेवाएं दी ।


बंबई फ्लाइंग क्लब के अध्यक्ष कैप्टन मिहिर भगवती ने बताया, कुल छह पाइपर सुपर कब पीए-18 विमान थे जिन्हें 1940 के दशक में यहां आयात किया गया था। यह विशेष विमान जेआरडी टाटा के पसंदीदा विमानों में से एक था। इसलिए इसका पंजीकरण डीएफआर के तौर पर कराया गया, जिसमें आर का मतलब रोमियो है।  


कैप्टन भगवती ने बताया, वीटी-डीएफआर ने 90 के दशक के अंतिम सालों तक उड़ान भरना जारी रखा। इसके बाद इसे उड़ान सेवा से हटा दिया गया। 2003 से लेकर 2010 तक पूरी तरह नए रंग-ढंग में ढालने के बाद इसे फिर से इस्तेमाल में लाया जा रहा है। इस विमान ने कुल छह से सात हजार घंटे उड़ान भरी है जबकि पिछले पांच साल में इसने 120 घंटे उड़ान भरी है। अब इसका इस्तेमाल वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए नहीं बल्कि शौकिया तौर पर या प्रशिक्षण के लिए किया जाता है। कैप्टन भगवती ने बताया, यह एक ऐतिहासिक विमान है। हम इसकी विरासत कायम रखना चाहते हैं।