Supreme Court Of India: चीफ जस्टिस बीआर गवई ने हाल ही में देश में लड़कियों के अधिकारों की रक्षा को लेकर डिजिटल गवर्नेंस को प्राथमिकता देने की बात कही.
Trending Photos
)
Justice BR Gavai: भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने देश में लड़कियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए डिजिटल गवर्नेंस को प्राथमिकता देने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रगति के साथ-साथ हमें लड़कियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण को भी सुनिश्चित करना होगा. जस्टिस गवई ने कहा कि कुछ लड़कियों को आज भी देश में महिला जननांग विच्छेदन यानी Female Genital Mutation (FGM) जैसी हानिकारक प्रथाओं का सामना करना पड़ता है.
CJI गवई ने कहा कि डिजिटल दुनिया में लड़कियों को ऑनलाइन उत्पीड़न, साइबरबुलिंग और डिजिटल स्टॉकिंग जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमें विशेषज्ञता और संवेदनशीलता के साथ काम करना होगा. चीफ जस्टिस ने कहा कि कुछ मुसलमानों में प्रचलित FGM की वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका 9 जजों वाली सर्वोच्च न्यायालय की बेंच के सामने लंबित है, जो सबरीमाला, अगियारी पारसी समुदायों और मस्जिदों में महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण प्रथाओं को चुनौती देने की चुनौती पर भी विचार कर रही है.
CJI गवई ने कहा कि लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करना होगा. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन यौन उत्पीड़न, डिजिटल तस्करी और साइबर उत्पीड़न जैसे अपराधों से निपटने के लिए विशेष कानून बनाने होंगे. उन्होंने कहा कि भले ही आज के समय में हम टेक्नोलॉजी में प्रगति कर रहे हैं, लेकिन इसने कई महिलाओं और लड़कियों के लिए नई कमजोरियों को भी जन्म दिया है.
CJI गवई ने कहा,' लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के लिए शिक्षा और जागरूकता बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमें लड़कियों को शिक्षित करने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए काम करना होगा.' चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि लड़कियों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. हमें लड़कियों को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना होगा.'
CJI गवई ने कहा कि लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के लिए डिजिटल गवर्नेंस को प्राथमिकता देनी होगी.
डिजिटल दुनिया में लड़कियों को ऑनलाइन उत्पीड़न, साइबरबुलिंग और डिजिटल स्टॉकिंग जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.