'सियासत में जाने से इनकार'... पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले अगले चीफ जस्टिस बीआर गवई?
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'सियासत में जाने से इनकार'... पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले अगले चीफ जस्टिस बीआर गवई?

Justice B.R.Gavai: जस्टिस बी.आर गवई यानी भूषण रामकृष्ण गवई ( B.R.Gavai ) 14 मई, 2025 को भारत के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे. भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और फिर सीजफायर की सूरत-ए-हाल पर उन्होंने कहा कि जंग कोई अच्छी चीज नहीं है.

'सियासत में जाने से इनकार'... पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले अगले चीफ जस्टिस बीआर गवई?

Justice B.R.Gavai: जस्टिस बी.आर गवई यानी भूषण रामकृष्ण गवई ( B.R.Gavai ) 14 मई, 2025 को भारत के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे. जस्टिस गवई ने इससे पहले अनौपचारिक बातचीत में भारत-पाकिस्तान के मौजूदा टकराव, ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला, सियासत में जाने समेत कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. मीडिया के लोगों के साथ हुई ऑफ कैमरा बातचीत में उन्होंने बताया कि वह देश के पहले बौद्ध मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं.

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और फिर सीजफायर की सूरत-ए-हाल पर उन्होंने कहा कि जंग कोई अच्छी चीज नहीं है. हमारे सामने जंग के दो मिसाल हैं, जो अभी भी चल रहे हैं. यूक्रेन में कितने दिनों से जंग हो रहा है और इससे क्या मिला? मतलब जंग से कुछ हासिल नहीं होता.

पहलगाम पर क्या बोले जस्टिस बीआर गवई?
जस्टिस बीआर गवई ने अनौपचारिक बातचीत में पहलगाम हमले पर कहा कि सुबह जब अखबार पढ़ा कि पहलगाम में इतना अफसोसना वाक्या हुआ है तो बहुत दुख हुआ, उस वक्त चीफ जस्टिस देश के बाहर थे. उनसे कॉन्टैक्ट किया गया, फिर हमने फैसला लिया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जिन लोगों ने जान गंवाई उनके लिए दो मिनट का मौन रखा जाएगा और रखा गया. आखिर हम भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं, हम भी इससे मुतासिर होते हैं. जब देश शोक में हो तो सुप्रीम कोर्ट उससे अलग नहीं रह सकता.

'मुझे सियासत में नहीं जाना है'
रिटायर होने के बाद सियासत में जाने को लेकर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि उनका सियासत में जाने का कोई इरादा नहीं है. हालांकि, उनके पिता महाराष्ट्र के एक बड़े लीडर थे. बिहार समेत कई राज्यों के गवर्नर रहे थे. लेकिन, मुझे सियासत में नहीं जाना है. उस वक्त की सियासत की बात कुछ और थी.

जस्टिस बीआर गवई ने अनौपचारिक बातचीत में साफ कर दिया कि वह रिटायरमेंट के बाद कोई सियासी पद नहीं लेंगे. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि जब एक बार आप CJI ( Chief Justice Of India ) बन जाते हैं तो रिटायरमेंट के बाद उन पदों को कबूल नहीं करना चाहिए, जो प्रोटोकॉल में CJI के पद से नीचे हो, गवर्नर का पद भी सीजेआई से नीचे आता है.

इसके साथ ही बातचीत में जस्टिस गवई ने कहा कि मैं बौद्ध धर्म का पालन करता हूं. मेरा सौभाग्य है कि बुद्ध पूर्णिमा के तत्काल बाद ही मैं चीफ जस्टिस पद की शपथ लूंगा. बाबा साहेब आंबेडकर के साथ ही मेरे पिता ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। मैं देश का पहला बौद्ध चीफ जस्टिस बनूंगा.

सोशल मीडिया पर बोले जस्टिस गवई
सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रोपर्टी की घोषणा के सवाल पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हाईकोर्ट के जजों को सुप्रीम कोर्ट के जजों की तरह प्रोपर्टी की सार्वजनिक घोषणा करनी चाहिए. सोशल मीडिया पर अदालतों और जजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी के सवाल पर जस्टिस गवई ने कहा कि मैं सोशल मीडिया नहीं देखता. निशिकांत दुबे और वाइस प्रेसिडेंट के बयान पर जब सवाल किया गया तो जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि लोग कुछ भी कहें, लेकिन संविधान ही सुप्रीम है. केशवानंद भारती के 13 जजों के बेंच के फैसले में ये कहा गया है.

'मैं सभी मजहबों में यकीन रखता हूं'
जस्टिस यशवंत वर्मा के सवाल पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि मौजूदा चीफ जस्टिस ने पूरी रिपोर्ट प्रेसिडेंट को भेज दी है.उन्होंने आगे कहा कि मैं सभी मजहबों में यकीन रखता हूं. मैं मंदिर, दरगाह, जैन मंदिर, गुरुद्वारा सभी जगह जाता हूं.

इनपुट- IANS

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