Justice BR Gawai: सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश किशोर के जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की ओर से सख्त कार्रवाई की गई है.
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Supreme Court Of India: बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश किशोर ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी. वहीं अब इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की ओर से सख्त कार्रवाई की गई है. एसोसिएशन की कार्यकारिणी समिति की ओर से उनके टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन को कैंसिल करने के साथ ही उनका एंट्री पास भी कैंसिल कर दिया है.
SCBA की कार्यकारिणी समिति ने गुरुवार 9 अक्टूबर को एक संकल्प पारित किया, जिसमें इस घटना को गंभीर कदाचार बताया गया. यह घटना 6 अक्टूबर 2025 को हुई थी. समिति ने कहा कि इस प्रकार का अनुशासनहीन और अशिष्ट व्यवहार किसी भी कोर्ट के अधिकारी के लिए बिलकुल अनुचित है और यह पेशेवर आचार संहिता, कोर्ट के शिष्टाचार और सुप्रीम कोर्ट की गरिमा के खिलाफ है. कार्यकारिणी समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि वकील राकेश किशोर का यह व्यवहार न्यायिक स्वतंत्रता, अदालत की कार्यवाही की पवित्रता और बार एवं बेंच के बीच लंबे समय से चले आ रहे पारस्परिक सम्मान और विश्वास के संबंधों पर एक सीधा प्रहार है.
SCBA की कार्यकारिणी समिति ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि राकेश किशोर का एसोसिएशन का सदस्य बने रहना संगठन की गरिमा और अनुशासन के अनुरूप नहीं है. इसलिए, तत्काल प्रभाव से उनकी सदस्यता समाप्त की जाए और उनका नाम एसोसिएशन के सदस्यों की सूची से हटा दिया जाए. इसके साथ ही राकेश किशोर को SCBA की ओर से कोई सदस्यता कार्ड जारी किया गया था, उसे भी निरस्त और जब्त कर लिया गया है. एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के सचिवालय को भी सूचित किया है कि उनका कोर्ट परिसर में प्रवेश पास तुरंत रद्द किया जाए.
यह फैसला एसोसिएशन के सभी सदस्यों और संबंधित अधिकारियों को सूचित किया जाएगा ताकि उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. SCBA ने अपने संकल्प में यह दोहराया है कि वह न्यायपालिका की गरिमा, कानूनी पेशे के सम्मान और संवैधानिक मूल्यों का पूरा सम्मान करता है. संगठन का मानना है कि न्यायिक प्रणाली की स्वतंत्रता, अनुशासन और सम्मान ही न्याय व्यवस्था की आधारशिला है, जिसे कोई भी चुनौती नहीं दे सकता. ( इनपुट-आईएएनएस)
SCBA ने कहा कि राकेश किशोर का व्यवहार पेशेवर आचार संहिता और कोर्ट के शिष्टाचार के खिलाफ है.
SCBA ने सुप्रीम कोर्ट के सचिवालय को राकेश किशोर का प्रवेश पास रद्द करने के लिए कहा है.