जस्टिस जोसेफ बोले, 'रिमोट से नियंत्रित किये जा रहे थे पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा'
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जस्टिस जोसेफ बोले, 'रिमोट से नियंत्रित किये जा रहे थे पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा'

जस्टिस जोसेफ ने सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य जजों के साथ इसी वर्ष 12 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जस्टिस मिश्रा के खिलाफ खुलेआम बगावत का बिगुल बजा दिया था. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: जस्टिस कुरियन जोसेफ ने सेवानिवृत्त होने के कुछ दिनों बाद सोमवार को एक सनसनीखेज दावे में कहा कि पूर्ववर्ती सीजेआई दीपक मिश्रा किसी ''बाहरी ताकत'' के प्रभाव में काम कर रहे थे जिससे न्यायिक प्रशासन प्रभावित हुआ. बता दें कि जस्टिस जोसेफ ने सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य जजों जे चेलमेश्वर (अब सेवानिवृत्त), रंजन गोगोई (वर्तमान में सीजेआई) और मदन लोकुर के साथ 12 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जस्टिस मिश्रा के खिलाफ खुलेआम बगावत का बिगुल बजा दिया था. चारों न्यायाधीशों ने उक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवेदनशील मामलों के तरजीही आवंटन को लेकर अपनी चिंता जताई थी. 

किसी बाहरी ताकत के प्रभाव में काम कर रहे थे CJI- जोसेफ
29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो चुके जस्टिस जोसेफ ने कहा, ''तत्कालीन सीजेआई किसी ''बाहरी ताकत'' के प्रभाव में काम कर रहे थे. वह किसी बाहरी ताकत द्वारा रिमोट से नियंत्रित थे. किसी बाहरी ताकत का कुछ प्रभाव था जो न्यायिक प्रशासन को प्रभावित कर रहा था.'' यह पूछे जाने पर कि वह यह दावा किस आधार पर कर रहे हैं, जस्टिस जोसेफ ने कहा कि उन न्यायाधीशों की ऐसी धारणा थी जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उत्पन्न मुद्दों को लेकर संवाददाता सम्मेलन किया था. ऐसी ही धारणा अदालत के कुछ अन्य न्यायाधीशों के बीच भी थी.

किसी विशेष मामले का उल्लेख जरूरी नहीं- जस्टिस कुरियन
उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया कि वह ''बाहरी ताकत'' कौन थी और वे कौन से मामले थे जिसमें पक्षपात हुआ और न्यायिक प्रशासन प्रभावित हुआ. यह पूछे जाने पर कि क्या कथित प्रभाव किसी राजनीतिक पार्टी या सरकार द्वारा किसी विशेष मामले में डाला गया, जस्टिस जोसेफ ने कहा कि न्यायाधीशों का विचार था कि संबंधित न्यायाधीश द्वारा कुछ पक्षपात किया गया था. उन्होंने कहा कि किसी विशेष मामले का उल्लेख करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ''मुझे माफ करिये. मैं इसे आगे नहीं बढ़ाना चाहता.'' 

मिश्रा के कार्यकाल में बदलने लगी थीं चीजें
सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने यद्यपि कहा कि उस दबाव का असर हुआ और न्यायमूर्ति मिश्रा के सीजेआई के तौर पर बाकी के कार्यकाल के दौरान चीजें अच्छे के लिए बदलनी शुरू हो गई और वह न्यायमूर्ति गोगोई के नेतृत्व में जारी हैं. न्यायमूर्ति मिश्रा दो अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो गए. उन्होंने कहा कि अदालत के कामकाज की गुणवत्ता और संस्थान की स्वतंत्रता संबंधी धारणा में एक सुधार आया है. उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले चारों न्यायाधीशों ने न्यायमूर्ति मिश्रा से उनके ऊपर 'बाहरी ताकत' के कथित प्रभाव के बारे में बात की थी. उन्होंने यह भी कहा कि न्यायाधीशों ने इसके साथ ही कुछ मामलों में पक्षपात के साथ निर्णय किये जाने का भी उल्लेख किया था.

(इनपुट भाषा से)

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