Justice Verma cash case: जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिले कैश को लेकर जज का कहना है कि यह सारा पैसा उनका नहीं है. यह उनके स्टोर रूम पर किसी और ने रखा है, हालांकि जस्टिस के स्टोर रूम में किसी के भी जबरदस्ती घुसने का कोई सबूत नहीं मिला है.
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Justice Verma cash case: दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से भारी मात्रा में नगदी मिली है. इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र उपाध्याय ने जांच रिपोर्ट जारी की है. वहीं मामले को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ शेयर किए गए एक वीडियो में जले हुए नोट दिखाए हैं.
स्टोर रूम में मिला जला हुआ कैश
रिपोर्ट के मुताबिक 15 मार्च 2025 को श्रमिकों ने स्टोर रूम से कुछ जले हुए सामानों और मलबे को हटाया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा को फोन का पूरा डाटा और कम्यूनिकेशन बनाए रखने का आदेश दिया. इसके अलावा कोर्ट ने पिछले 6 महीनों में उनके घर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से रिकॉर्ड मांगे. जांच जारी रहने तक जस्टिस वर्मा को उनके न्यायिक जिम्मेदारी से अस्थायी रूप से हटाया गया है.
स्टोर रूम में कोई नहीं घुसा
जांच रिपोर्ट में सामने आया कि 14 मार्च 2025 को जस्टिस वर्मा के घर पर आग लगी थी. इसकी सूचना सबसे पहले जस्टिस के पर्सनव सेक्रेटरी ने PCR कॉल के जरिए दी थी. इस दौरान अग्निमिशन के कर्मचारियों को घटनास्थल पर खूब सारे जले हुए कैश मिले, जिसको लेकर संदेह पैदा हुआ. जस्टिस के स्टोर रूम में किसी के भी जबरदस्ती घुसने का कोई सबूत नहीं मिला है. स्टोर रूम का इस्तेमाल घरेलू सामान और घरेलू कर्मचारी, माली और CPWD के कर्मचारियों के पास इसका एक्सेस था.
जस्टिस का आरोप
जस्टिस वर्मा ने किसी भी तरह के गलत काम को लेकर मना किया है. उनका कहना है कि उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. वहीं इन पैसों से उनका और उनके परिवारवालों का इस कैश से कोई लेना-देना नहीं है. जस्टिस वर्मा ने सबूतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब आग लगने के बाद वह स्टोर रूम पर गए तो वहां कोई कैश नहीं था. बाद में मुझे यह कैश वाला वीडियो दिखा.