Justice Yashwant Verma Case Update: घर में करोड़ों रुपये मिलने के बाद संदेह के घेरे में आए दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की सफाई सामने आई है. जस्टिस वर्मा ने कहा है कि स्टोर रूम में मिले नोटों के बंडल से उनका या परिवार का कोई लेना-देना नहीं है.
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Justice Yashwant Verma Latest Statement: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा (करीब 15 करोड़ रुपये) में कैश मिलने के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर दिल्ली HC के चीफ जस्टिस की इस घटना के बारे में भेजी गई रिपोर्ट और आरोपों पर जस्टिस यशवंत वर्मा की सफाई से जुड़े डॉक्यूमेंट अपलोड किए हैं.
अपनी सफाई में जस्टिस वर्मा ने कहा है, 'घर के स्टोर रूम से जो कैश बरामद हुआ है. उससे मेरा या परिवार का कोई संबंध नहीं है. स्टोर रूम में मैंने या मेरे परिवार के किसी सदस्य ने कोई कैश नहीं रखा. मैं इस बात का कड़ाई से खंडन करता हूं कि कथित कैश हमारा था. यह विचार या सुझाव कि यह कैश हमारे द्वारा रखा गया होगा पूरी तरह से बेतुका है.'
'आरोप लगाने से पहले जांच की होती'
मीडिया को नसीहत देते हुए जस्टिस वर्मा ने आगे कहा, 'कोई व्यक्ति भला स्टाफ क्वार्टर के पास एक खुले, आसानी से पहुंच वाले और आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोररूम में नकदी स्टोर क्यों करेगा. यह एक ऐसा कमरा है, जो मेरे रहने के क्षेत्र से पूरी तरह से अलग है और एक चारदीवारी मेरे रहने वाले हिस्से को उस आउटहाउस से अलग करती है. मैं केवल यही चाहता हूं कि मीडिया ने मुझ पर आरोप लगाने और प्रेस में बदनाम करने से पहले कुछ जांच की होती.'
जस्टिस वर्मा ने कहा, 'मैं और मेरी पत्नी 15 मार्च 2025 की शाम को ही इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6ई 2303 से भोपाल से लौटे थे. इसलिए, कथित नगदी को हटाने की बात हमें पता नहीं है. किसी भी स्थिति में मेरे किसी भी कर्मचारी ने किसी भी रूप में कोई सामान या नकदी घटनास्थल से नहीं निकाली.'
'मुझे पैसों के बारे में कुछ पता नहीं'
अपने आपको निर्दोष बताते हुए जस्टिस ने कहा, 'मुझे कभी भी आउटहाउस के स्टोररूम में पड़े किसी भी पैसे या नकदी के बारे में पता नहीं था. न तो मुझे और न ही मेरे परिवार के किसी सदस्य को नकदी के बारे में कोई जानकारी थी और न ही इसका मुझसे या मेरे परिवार से कोई संबंध है. मेरे परिवार के सदस्यों या कर्मचारियों को ऐसी कोई नकदी नहीं दिखाई गई जो कथित तौर पर उस रात वहां से बरामद हुई.'
पुलिस के आरोपों का खंडन करते हुए जस्टिस वर्मा ने अपने बयान में कहा, 'मैं इस आरोप का भी दृढ़ता से खंडन करता हूं और पूरी तरह से खारिज करता हूं कि हमने स्टोररूम से नोट हटाए हैं. जैसा कि पहले भी बताया गया है, हमें न तो जले हुए नोटों की बोरियां दिखाई गईं और न ही सौंपी गईं. आग के बाद मलबा अभी भी आवास के एक हिस्से में मौजूद है.'
सभी पक्षों के जवाब के बाद SC लेगा फैसला
उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर उठ रहे सवालों पर बयान जारी किया है. SC ने अपने बयान में कहा, 'दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने घटना की सूचना मिलने के बाद इनहाउस जांच शुरू कर दी है. वो इससे जुड़े सबूत और सूचना इकट्ठा कर रहे है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 20 मार्च को हुई बैठक से पहले ही In house enquiry शुरू कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम उनकी जांच में मिले तथ्यों के आधार पर आगे फैसला लेगा.'
सुप्रीम कोर्ट ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि जस्टिस यशंवत वर्मा के ट्रांसफर की सिफारिश के प्रस्ताव का उनको लेकर चल रही इन-हाउस जांच प्रक्रिया से कोई सम्बंध नहीं है. चीफ जस्टिस और SC के चार वरिष्ठतम जजों वाले कॉलेजियम ने 20 मार्च 2025 को ट्रांसफर के प्रस्ताव की जांच की और उसके बाद कॉलेजियम की ओर से दोनों हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस यशवंत वर्मा को पत्र लिखे गए हैं. उनसे प्राप्त प्रतिक्रियाओं की जांच की जाएगी और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ट्रांसफर को लेकर उचित प्रस्ताव पारित करेगा.
बार एसोसिएशन 24 मार्च को करेगी आम सभा
वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा की इलाहाबाद हाईकोर्ट में वापसी का कड़ा विरोध किया है. एसोसिएशन ने कॉलेजियम के इस फैसले पर नाराजगी जताई है, साथ ही जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए हैं. एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट अनिल तिवारी ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे जनता का न्याय प्रणाली में विश्वास में विश्वास कमजोर हो रहा है.
बार अध्यक्ष ने कहा कि यह मामला न्यायिक प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है. एसोसिएशन चाहती है कि अधिकारियों का न्यायपालिका में विश्वास और भरोसा बना रहे वह ऐसा चाहता है. बार एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर सोमवार 24 मार्च को दोपहर 1:15 बजे लाइब्रेरी हाल में जनरल बॉडी की मीटिंग बुलाई है. इस बैठक में आगे के एक्शन पर फैसला लिया जाएगा.