ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को अपने ट्विटर हैंडल से आर्टिकल 370 और 35A हटाने को समर्थन दिया.
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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल (Jammu Kashmir reorganization bill) मंगलवार को लोकसभा में पारित हो गया. बिल के पक्ष में 370 वोट जबकि विपक्ष में 70 वोट पड़े. इन सबके बीच, राहुल गांधी के करीबी और कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को अपने ट्विटर हैंडल से आर्टिकल 370 और 35A हटाने को समर्थन दिया.
#जम्मूकश्मीर और #लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूँ। संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नही होते। लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूँ।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 6, 2019
पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा कि मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर किए गए फैसले का समर्थन करता हूं. साथ ही भारत में इसके पूर्ण एकीकरण का भी समर्थन करता हूं. हालांकि, उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि अगर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया होता. तब इस मामले पर कोई भी सवाल नहीं उठाया जा सकता था. फिर भी, यह हमारे देश के हित में है और मैं इसका समर्थन करता हूं.
I support the move on #JammuAndKashmir & #Ladakh and its full integration into union of India.
Would have been better if constitutional process had been followed. No questions could have been raised then. Nevertheless, this is in our country’s interest and I support this.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 6, 2019
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर लिखा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूं. संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नही होते. लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं.
बता दें सोमवार को यह बिल राज्यसभा से पारित हो गया है. राज्यसभा में सोमवार को इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े थे, वहीं विपक्ष में 61 सांसदों में मतदान किया. राज्यसभा में बिल के पास होने के बाद मंगलवार को यह बिल लोकसभा में पेश किया गया.
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा, कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व सांसद जर्नादन द्विवेदी भी अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन कर चुके हैं. हालांकि, कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही जगहों पर इसका जमकर विरोध किया.