भोपाल: मध्यप्रदेश में उप चुनाव के लिए प्रचार अंतिम दौर में होने के साथ ही आरोप प्रत्यारोप भी चरम पर है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) हाथ का साथ छोड़कर कमल खिला रहे हैं. उनके निशाने पर तो कांग्रेस है 
लेकिन डबरा में जुबान ऐसी फिसली (tongue slipped) कि वोट बीजेपी की जगह कांग्रेस के लिए मांग बैठे.


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बीजेपी के बजाय कांग्रेस के लिए मांगा वोट
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया डबरा इलाके में बीजेपी की उम्मीदवार इमरती देवी के लिए वोट मांगने पहुंचे थे. स्टेज पर पहुंचते ही उन्होंने डबरा की जनता को प्रणाम किया और शिवराज सिंह चौहान की तारीफों के पुल बांधे. इसके बाद पूरे जोश के साथ हाथ उठाकर जनता से वोट मांगे. लेकिन गलती से मिस्टेक हो गई. भाषण में बोल गए कि हाथ के पंजे का बटन दबाना है और इमरती को जिताना है. फिर ध्यान आने पर कुछ देर चुप रहे और फिर बोले कि पहला बटन दबाना है भाजपा को जिताना है.


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राजनीति में अपने हुए पराये
अब जुबान क्या समझे राजनीति का खेल. कल तक कांग्रेस के गुणगान में थकती नहीं थी. अब शिवराज के गीत गा रही है. ऐसे में ध्यान हटने पर जुबान फिसल जाए तो हैरत नहीं होनी चाहिए. वैसे मध्य प्रदेश में इस बार राजनीति का गणित भी जरा हटके है. जो कल तक साथ थे, अब पराए हैं. वहीं कल तक जिनके साथ दो-दो हाथ था, वे अब उनके साथी हैं. 


 ज्योतिरादित्य-कमलनाथ में चल रही है वर्चस्व की जंग
चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ में अड़ी है. जुबानी युद्ध कुछ ऐसा बढ़ा कि इमरती देवी पर आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल पर कमलनाथ को चुनाव आयोग की कार्रवाई भी झेलनी पड़ गई. हालांकि कमलनाथ ने स्टार प्रचारक का दर्जा छीने जाने के चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनका सियासी वाकयुद्ध तेज है.


ग्वालियर के सम्मान के नाम पर वोट की अपील
ज्योतिरादित्य ने अशोकनगर के शाढौरा में बीजेपी उम्मीदवार जजपाल सिंह जज्जी के समर्थन में जनसभा की. इस पर कमलनाथ ने भी सिंधिया पर पलटवार किया. ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले ही कह चुके हैं उपचुनाव की लड़ाई सत्ता की नहीं ग्वालियर-चंबल के मान-सम्मान की लड़ाई है. ग्वालियर-संभल से सम्मान किसका जुड़ा ये सब जानते हैं.


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