Exclusive: काबुल गुरुद्वारा हमले में जानकारी जुटाने में लगीं सुरक्षा एजेंसियां, ISIS के मॉड्यूल पर शक
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Exclusive: काबुल गुरुद्वारा हमले में जानकारी जुटाने में लगीं सुरक्षा एजेंसियां, ISIS के मॉड्यूल पर शक

काबुल के गुरुद्वारा में बुधवार को हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISKP) ने लेते हुए हमलावर की तस्वीर भी जारी की है. 

अबू खालिद-अल-हिन्दी

नई दिल्ली: काबुल के गुरुद्वारा में बुधवार को हुए आतंकी हमले (Terrorist Attack) की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISKP) ने लेते हुए हमलावर की तस्वीर भी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि इस हमले को अबू खालिद-अल-हिन्दी नाम के उसके एक फिदायीन ने अंजाम दिया है.

  1. काबुल के गुरुद्वारा में आतंकी हमला करने वाले की तस्वीर सामने आई
  2. आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान ने ली
  3. हमलावर का नाम अबू खालिद-अल-हिन्दी है, केरल से संबंध होने की आशंका

इस हमले के बाद से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अबू खालिद-अल-हिन्दी के बारे में जानकारी जुटाने में लगी हुई हैं. ज़ी न्यूज को मिली एक्सलूसिव जानकारी के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि अबू खालिद-अल-हिन्दी केरल के कासरगोड का रहने वाला है जो साल 2015 में अफगानिस्तान में जाकर इस्लामिक स्टेट का आतंकी बन गया था.

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सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, 'हमें शक है कि अबू खालिद-अल-हिन्दी केरल के कासरगोड का है जो 2015 में इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गया था. केरल से सीरिया और अफगानिस्तान गये आतंकियों के बारे में हम और जानिकारियां इकट्ठी कर रहे हैं जिससे अबू खालिद-अल-हिन्दी की असली पहचान के बारे में पता लगाया जा सके.'

केरल के आईएसआईएस मॉड्यूल पर नजर रखने वाले अधिकारियों का मानना है कि काबुल के गुरुद्वारा पर हुए आतंकी हमले को ISI के इशारे पर लश्कर और हक्कानी नेटवर्क ने ही अंजाम दिया है और दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए ISKP से इस हमले की जिम्मेदारी लेने को कहा गया है. 

जांच एजेंसियों को शक है कि अबू खालिद-अल-हिन्दी काबुल पर हमले से कुछ महीने पहले लश्कर ए तैयबा में शामिल हो गया था.

जांच एजेंसियों के मुताबिक ISI एक सोची समझी साजिश के तहत भारतीय मुस्लिमों का ब्रेनवाश कर उन्हें भारतीय सुरक्षा बलों या फिर भारतीय ठिकानों पर हमले के लिए तैयार कर रही है, जिससे ये संदेश दिया जा सके कि भारत के मुस्लिम भारत सरकार के खिलाफ हैं. साथही ज्यादा से ज्यादा संख्या में मुस्लिम युवाओं को आतंकी गुटों में शामिल किया जा सके.

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काबुल में गुरुद्वारा पर हुए हमले में 27 लोगों की जान गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे. आतंकियों के निशाने पर काबुल में भारतीय डिप्लोमट्स भी थे. 

 

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