कन्हैया को हैदराबाद यूनिवर्सिटी में प्रवेश करने से रोका गया
Advertisement

कन्हैया को हैदराबाद यूनिवर्सिटी में प्रवेश करने से रोका गया

जेएनयू के छात्र कन्हैया कुमार को आज हैदराबाद विश्वविद्यालय के परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी। कुमार आज शाम वहां छात्रों को संबोधित करने वाले थे। पुलिस का कहना है कि उसने कन्हैया को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने से नहीं रोका।

कन्हैया को हैदराबाद यूनिवर्सिटी में प्रवेश करने से रोका गया

हैदराबाद: जेएनयू के छात्र कन्हैया कुमार को आज हैदराबाद विश्वविद्यालय के परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी। कुमार आज शाम वहां छात्रों को संबोधित करने वाले थे। पुलिस का कहना है कि उसने कन्हैया को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने से नहीं रोका।

साइबराबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, हैदराबाद सेन्ट्रल विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें (कन्हैया को) कुलपति के निर्देशों पर रोका। अधिकारी ने यह भी बताया कि कन्हैया खुद विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर रूक गए, वहां मीडिया को संबोधित किया और चले गए। रोहित वेमुला की मां राधिका और उसके भाई राजा के साथ कन्हैया आज शाम विश्वविद्यालय पहुंचे जहां उनके पक्ष और विपक्ष में नारेबाजी से उनका स्वागत हुआ।

कन्हैया ने कहा, मैं जेएनयू से एचसीयू तक रोहित वेमुला मामले का समर्थन करने आया हूं। मैं कहना चाहता हूं कि हमें रोहित वेमुला के सपनों को पूरा करना है। देश में सामाजिक न्याय लाना होगा। सरकार छात्रों की आवाज नहीं सुन रही है। उन्होंने कहा, वह पुलिस और एचसीयू प्रशासन को बताना चाहते हैं कि उनकी आवाज दबाई नहीं जा सकती और हम (छात्र) न्याय मांगेंगे और सामाजिक न्याय के लिए यह लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, कल लाठीचार्ज में घायल हुए लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए मैं यहां आया हूं। विश्वविद्यालय के प्रभारी रजिस्ट्रार ने आज दिन में अधिसूचना जारी कर राजनीतिक दलों, मीडिया और अन्य सामाजिक तथा छात्र संगठनों सहित किसी भी बाहरी व्यक्ति के परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी थी।

कन्हैया ने विश्वविद्यालय परिसर के बाहर कहा, छात्र को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही। यह शर्मनाक है। मैं विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस पर दोष लगाता हूं। यह लड़ाई लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए है। हम लोकतंत्र पर हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम जातिवाद और छुआछूत से आजादी चाहते हैं। यदि हमें अनुमति दी जाती तो हम परिसर में शांति भंग नहीं करते। उन्होंने कहा कि जबतक सरकाररोहित कानून लागू नहीं करती, वह लड़ाई जारी रखेंगे।

Trending news