'गाय तक का आधार कार्ड बनवा दिया' : पीएम मोदी पर कन्हैया कुमार का तंज
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'गाय तक का आधार कार्ड बनवा दिया' : पीएम मोदी पर कन्हैया कुमार का तंज

कन्हैया ने कहा, "सत्ता में भाजपा विकास के मुद्दे पर आई थी. पीएम मोदी हर वक्त गुजरात मॉडल की चर्चा करते थे, मगर इस बात की जानकारी कम लोगों को होगी कि गुजरात में 22 साल में कर्ज 6,000 करोड़ से बढ़कर 2,06,000 (दो लाख छह हजार) करोड़ रुपये हो गया है.

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)

भोपाल : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने यहां कहा कि वर्तमान दौर में देशवासियों को वास्तविक मुद्दों से भटकाया जा रहा है. देश और प्रदेश के जनसंगठनों द्वारा यहां आयोजित भोपाल जन उत्सव में हिस्सा लेने आए कन्हैया कुमार ने सोमवार को युवाओं से संवाद करते हुए कहा, "वर्तमान दौर में देशवासियों को वास्तविक मुद्दों से भटकाया जा रहा है. कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात करते हैं तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सन्यासी के राजसत्ता संभालने की और अयोध्या में राम मंदिर बनाने की".

  1. देशवासियों को वास्तविक मुद्दों से भटकाया जा रहा है- कन्‍हैया
  2. पीएम मोदी हर वक्त गुजरात मॉडल की चर्चा करते थे- कन्‍हैया कुमार
  3. कन्‍हैया ने कहा, पीएम को आधार कार्ड से बड़ा प्रेम है.

कन्हैया ने कहा, "सत्ता में भाजपा विकास के मुद्दे पर आई थी. पीएम मोदी हर वक्त गुजरात मॉडल की चर्चा करते थे, मगर इस बात की जानकारी कम लोगों को होगी कि गुजरात में 22 साल में कर्ज 6,000 करोड़ से बढ़कर 2,06,000 (दो लाख छह हजार) करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की संख्या 21 लाख से बढ़कर 47 लाख हो गई है. यह है गुजरात मॉडल". प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने मन की बात में कभी भी किसान, मजदूर, दलित, आदिवासी, पिछड़े, महिला की बात नहीं करते.

आधार कार्ड को अनिवार्य किए जाने पर तंज कसते हुए कन्हैया ने कहा, "उन्हें आधार कार्ड से बड़ा प्रेम है, गाय तक का आधार कार्ड बनवा दिया. गरीब राशन लेने जाए तो उसके लिए आधार कार्ड जरूरी, मगर पार्टी को चंदा देने के लिए जरूरी नहीं. सूचना का अधिकार हर क्षेत्र में लागू होगा, मगर पार्टी के चंदे पर नहीं".

उन्होंने कहा, "देश में मुद्दों को भटकाने की राजनीति चल रही है. बहस इस पर होगी कि ताजमहल का नाम तेज महल किया जाए कि नहीं. 12 हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं, मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही है, मासूमों के साथ दुष्कर्म हो रहा है, पढ़ने गया बेटा लापता हो जाता है. इसकी चर्चा नहीं होगी, इन विषयों को उठाएं तो कहा जाता है कि आप देश की कमी बता रहे हैं. जबकि वास्तविकता यह है कि यह देश नहीं सरकार की कमी है". (इनपुट आईएएनएस से)

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