कर्नाटक सरकार ने 24 घंटे और सातों दिन सभी दुकानें खोलने का फैसला लिया है. कर्नाटक सरकार ने ये आदेश वाणिज्यिक स्थापना अधिनियम (Karnataka Act 08 of 1962) के तहत दिए हैं.
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नई दिल्लीः कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने रोजगार में बढ़ोतरी को लेकर शनिवार (2 जनवरी) को एक बड़ा ऐलान किया है. दरअसल, राज्य में सभी दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों (Commercial establishments) को 24X7 खोलने की अनुमति दे दी है. ये आदेश आगामी तीन सालों तक राज्य में लागू रहेगा. कर्नाटक सरकार ने 24 घंटे दुकानें खोलने के आदेश वाणिज्यिक स्थापना अधिनियम (Karnataka Act 08 of 1962) के तहत दिए हैं. इस आदेश में राज्य में सभी दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अगले तीन सालों तक सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे खोलने की स्वीकृति दे दी है.
राज्य सरकार के इस फैसले के पीछे का उद्देश्य रोजगार (Employee) पैदा करना है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि कोरोनवायरस वायरस महामारी (Corona vius Pandemic) के चलते कर्नाटक की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है और अपनी स्थिति में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार ने 24 घंटे दुकानें खोलने का फैसला लिया है. कर्नाटक सरकार का कहना है कि इससे रोजगार में बढ़ोतरी के साथ आर्थिक विकास (Economic Growth) को गति मिलेगी. हालांकि, इसी के साथ राज्य सरकार ने जारी किए सर्कुलर में दुकानदार और कंपनी मालिकों से कुछ शर्तें भी रखी हैं जिनका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य होगा.
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किसी भी कर्मचारी से 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करा सकता कारोबारी
अपनी गाइडलाइन में राज्य सरकार ने ये भी स्पष्ट किया है कि किसी भी कर्मचारी से कोई भी कारोबारी प्रतिष्ठान 10 घंटे से ज्यादा काम नहीं करा सकता है. सरकारी आदेश में कहा गया है. "कोई भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान (Karnataka Businesses) किसी भी कर्मचारी से एक दिन में 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराएगा और हफ्ते में यह अवधि 48 दिन से ज्यादा नहीं होगी. ओवरटाइम को भी मिलाकर भी यह अवधि एक दिन में 10 घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.''
कर्नाटक सरकार ने सर्कुलर में कहा है कि हर कर्मचारी को हफ्ते में कम से कम एक दिन अवकाश मिलना चाहिए और अगर किसी से एक दिन में 8 घंटे से ज्यादा काम कराया जाता है तो उसे ओवरटाइम भी देना चाहिए. सर्कुलर के अनुसार महिला कर्माचारियों को सामान्य परिस्थितियों में रात 8 बजे के बाद काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. सर्कुलर में सरकार ने कहा है कि अगर किसी महिला (Women Employee) को रात में काम करने के लिए बुलाता है तो नियोक्ता कंपनी को उसकी लिखित स्वीकृति लेनी अनिवार्य होगी. इसी शर्त पर ही उसे रात 8 बजे से सुबह 6 बजे के बीच कार्य करने की मंजूरी दी जा सकती है. कंपनी को महिला की सुरक्षा के साथ उसके सम्मान और गरिमा का भी पूरा ख्याल रखना होगा.
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सरकारी निर्देश के अनुसार यदि कोई कंपनी या मैनेजर इन सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. अगर कोई कर्मचारी अवकाश के दिन काम करते पाया जाता है या ओवरटाइम के बिना काम के सामान्य घंटों से ज्यादा काम करते पाया जाता है तो कंपनी और उसके मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई होगी. ये सभी दिशानिर्देश 3 साल तक लागू रहेंगे.
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