Karnataka Election 2023: कर्नाटक का दूसरा सबसे बड़ा समुदाय, 100 सीटों पर बदल सकते हैं समीकरण, किसके पाले में जाएंगे वोट?
Advertisement
trendingNow11645609

Karnataka Election 2023: कर्नाटक का दूसरा सबसे बड़ा समुदाय, 100 सीटों पर बदल सकते हैं समीकरण, किसके पाले में जाएंगे वोट?

Vokkaligas Community in Karnataka: कर्नाटक के सभी सियासी दल वोक्कालिगा समुदाय को रिझाने में जुट गए हैं. इस समुदाय की राज्य में लगभग 15 फीसदी आबादी है और माना जाता है कि ये करीब 100 सीटों पर चुनावी समीकरण पर असर डाल सकते हैं. कर्नाटक में लिंगायत की आबादी सबसे ज्यादा 17 फीसदी है.  इस समुदाय के बाद वोक्कालिगा  समुदाय का नंबर आता है. 

Karnataka Election 2023:  कर्नाटक का दूसरा सबसे बड़ा समुदाय, 100 सीटों पर बदल सकते हैं समीकरण, किसके पाले में जाएंगे वोट?

Karnataka Election News: कर्नाटक के चुनावी रण के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है.224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान होगा और नतीजे 13 मई को आएंगे.उम्मीदवारों से लेकर क्षेत्र के समीकरण तक, हर चीज का ध्यान रखा जा रहा है.

इस बीच राज्य के सभी सियासी दल वोक्कालिगा समुदाय (Vokkaligas Community in Karnataka) को रिझाने में जुट गए हैं. इस समुदाय की राज्य में लगभग 15 फीसदी आबादी है और माना जाता है कि ये करीब 100 सीटों पर चुनावी समीकरण पर असर डाल सकते हैं. कर्नाटक में लिंगायत की आबादी सबसे ज्यादा 17 फीसदी है.  इसके बाद वोक्कालिगा  समुदाय का नंबर आता है. दूसरी सबसे ज्यादा आबादी होने के चलते राज्य में सत्ताधारी बीजेपी उन्हें अपने पाले में करने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है.

क्यों है वोक्कालिगा समुदाय पर फोकस

कर्नाटक की सियासत में वोक्कालिगा समुदाय की भूमिका का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस समुदाय ने आजादी के बाद से राज्य को सात मुख्यमंत्री और देश को एक प्रधानमंत्री दिया है. एक रिटायर्ड IAS अधिकारी ने कहा, यह एक ऐसा समुदाय है, जो राजनीतिक रूप से काफी जागरूक है. उन्होंने कहा, 'कर्नाटक में हुए 17 मुख्यमंत्रियों में से सात वोक्कालिगा समुदाय के थे. राज्य के पहले तीन मुख्यमंत्री के चेंगलराय रेड्डी, केंगल हनुमंतैया और के मंजप्पा वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखते थे.' उन्होंने कहा कि एचडी देवगौड़ा भी वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं, जो बाद में पीएम भी बने.

इन इलाकों में है दबदबा

पुराने मैसूरु क्षेत्र में शामिल रामनगरा, मांड्या, मैसूरु, चामराजनगर, कोडागु, कोलार, तुमकुरु और हासन जिले में इस समुदाय का दबदबा है. इस क्षेत्र में 58 विधानसभा क्षेत्र हैं, जो 224 सदस्यीय सदन में कुल सीटों की संख्या के एक-चौथाई से ज्यादा है.

मौजूदा विधानसभा में इन इलाके में जनता दल (सेक्युलर) के पास 24 सीटें, कांग्रेस के पास 18 सीटें जबकि बीजेपी के पास 15 सीटें हैं. इसके अलावा, बेंगलुरु शहरी जिले में (28 सीटें), बेंगलुरु ग्रामीण जिले (चार सीटें) और चिक्काबल्लापुरा (आठ विधानसभा क्षेत्रों) में अच्छी खासी सीटों पर वोक्कालिगा समुदाय की पकड़ है.

राजनीतिक कार्यकर्ता राजे गौड़ा ने दावा किया कि अनेकल को छोड़कर बेंगलुरु शहरी जिले के 28 विधानसभा क्षेत्रों में से सभी 27 में वोक्कालिगा समुदाय का दबदबा है. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु ग्रामीण जिले और चिक्काबल्लापुरा में भी यह समुदाय चुनावी समीकरण को प्रभावित करने का दम रखता है.

गौड़ा ने कहा, 'हम वैचारिक रूप से बिखरे हुए हैं और कुछ अन्य समुदायों की तरह एकजुट रूप से मतदान नहीं करते. इससे पता चलता है कि हम अपने नेताओं को चुनने में उदार हैं, जिसे या तो हमारी कमजोरी या हमारी ताकत के रूप में देखा जा सकता है.'

(इनपुट- IANS)

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले ताज़ा ख़बर अभी पढ़ें सिर्फ़ Zee News Hindi पर| आज की ताजा ख़बर, लाइव न्यूज अपडेट, सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली सबसे भरोसेमंद हिंदी न्यूज़ वेबसाइट Zee News हिंदी|

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news