Ban in Karnataka Kebabs: ये जानकर आपको आश्‍चर्य हो सकता है कि चिकन और फिश कबाब बनाने में आर्टिफिशियल तरीके से कलर एजेंट का भी इस्‍तेमाल होता है. जी हां, ऐसे मामले कर्नाटक में सामने आए हैं. लिहाजा वहां की राज्‍य सरकार ने इस तरह के इस्‍तेमाल पर बैन लगाने की घोषणा की है. दरअसल इस तरह की शिकायतें सरकार के पास आई थीं कि कर्नाटक में कई जगहों पर चिकन, फिश कबाब या वेज खाना बनाने में भी इस तरह के कलर एजेंट का इस्‍तेमाल किया जा रहा है. 


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राज्‍य के फूड सिक्‍योरिटी एंड स्‍टैंडर्ड डिपार्टमेंट ने विभिन्‍न जगहों के 39 सैंपलों का परीक्षण किया और 8 में इस तरह की खामियों को पाया. इनमें से 7 सैंपलों में 'सनसेट येलो' कलर पाया गया और एक अन्‍य में 'कारमोइसिन' आर्टिफिशियल कलर पाया गया. स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से इसको खतरा मानते हुए उसके बाद राज्‍य सरकार ने ये फैसला लिया.  


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कर्नाटक के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री दिनेश जी राव ने पिछले दिनों इस फैसले की सूचना साझा करते हुए कहा कि कबाब में इस्‍तेमाल हो रहे ये आर्टिफिशियल कलर लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर डाल सकते हैं. लिहाजा इनके इस्‍तेमाल को बैन किया गया है. इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी जोड़ा कि भी फूड वेंडर ऐसा करता पाया जाएगा उससे सख्‍ती से निपटा जाएगा. इसके लिए सात साल जेल की सजा और 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है. वैसे भी 2011 के फूड सेफ्टी एंड स्‍टैंडर्ड रेगुलेशन के नियम 16 के मुताबिक कबाब बनाते में किसी भी तरह के आर्टिफिशियल रंग का इस्‍तेमाल पूरी तरह वर्जित है. 


इससे पहले इसी साल राज्‍य सरकार ने फूड कलरिंग एजेंट रोडामाइन-बी के इस्‍तेमाल पर रोक लगा दी थी. गोभी मंचूरियन, कॉटन कैंडी डिशेज बनाने में इसका खूब इस्‍तेमाल किया रहा था. उस वक्‍त सरकार ने कहा था कि इसका पब्लिक हेल्‍थ खासतौर पर बच्‍चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.