कर्नाटक बीजेपी ने किया ट्वीट, कहा- हम देंगे प्रदेश को स्थायी और मजबूत सरकार
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कर्नाटक बीजेपी ने किया ट्वीट, कहा- हम देंगे प्रदेश को स्थायी और मजबूत सरकार

विश्वास मत के दौरान कुमारस्वामी सरकार बहुमत हासिल नहीं कर सकी. बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े जबकि कुमारस्वामी के पक्ष में 99 वोट मिले.

बहस का जवाब देते हुए कुमारस्वामी ने कहा, "मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं." उन्होंने राज्य की जनता और स्पीकर से माफी मांगी.

बेंगलुरु: कर्नाटक चल रही सियासी नाटक का पर्दा मंगलवार को गिर गया. कर्नाटक की कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की लगभग 14 माह पुरानी कुमारस्वामी सरकार गिर गई है. विश्वास मत के दौरान कुमारस्वामी सरकार बहुमत हासिल नहीं कर सकी. बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े जबकि कुमारस्वामी के पक्ष में 99 वोट मिले. कुमारस्वामी सरकार को बहुमत से 9 वोट कम मिले. 23 मई 2018 को कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार बनी थी. इन सबके बीच बीजेपी कर्नाटक के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है. बीजेपी कर्नाटक ने ट्वीट में लिखा है कि यह कर्नाटक की जनता की जीत है. यह भ्रष्टाचारी और अपवित्र गठबंधन के युग का अंत है. 

बीजेपी ने कहा कि हम कर्नाटक की जनता को एक स्थायी और मजबूत सरकार देने का वादा करते हैं. हम साथ मिलकर कर्नाटक को फिर से सुखी राज्य बनाएंगे. इससे पहले, बहस का जवाब देते हुए कुमारस्वामी ने कहा, "मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं." उन्होंने राज्य की जनता और स्पीकर से माफी मांगी. उन्होंने कहा कि वह एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री है. मैं हमेशा राजनीति से दूर रहना चाहता था. 

 

 

विधानसभा की दलीय स्थिति कुछ इस प्रकार है:  
कांग्रेस-जेडीएस 100 
बीजेपी 105 
निर्दलीय 02 
बीएसपी 01 
बागी 15

बता दें कि शहर में शाम 6 बजे से अगले 48 घंटे के लिए धारा 144 लगा दी गई है. बेंगलुरू पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा, "आज और कल पूरे शहर में धारा 144 लागू रहेगी. सभी पब, शराब की दुकानें 25 जुलाई तक बंद रहेंगी. यदि कोई इसका उल्लंघन करेगा तो उसे दंडित किया जाएगा." 

उधर, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये देकर विधायकों की खरीद फरोख्त की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 करोड़, 30 करोड़, 50 करोड़, इतना पैसा कहां से आ रहा है. वो विधायक (बागी) अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे. इनकी राजनीतिक 'समाधि' बनाई जाएगी. 2013 से दल-बदल करने वाले हारते रहे हैं. यही अंजाम इस बार इस्तीफा देने वालों का होगा. ऐसा ही होना चाहिए'.

सिद्धारमैया ने कहा कि होलसेल व्यापार एक समस्या है. अगर एक दो सदस्यों का रिटेल ट्रेड होता तो को समस्या नहीं थी. जो विधायक (बागी) गए हैं वह होलसेल ट्रेड में शामिल थे. 

इससे पहले, बागी विधायकों के वकील ने स्पीकर केआर रमेश कुमार से मुलाकात की. वकील ने स्पीकर से बागी विधायकों को मुलाकात के लिए चार सप्ताह का समय देने की मांग की. उधर, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी स्पीकर से मुलाकात की और बागी विधायकों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की. कांग्रेस ने कहा कि चार सप्ताह का समय बहुत ज्यादा है. कांग्रेस ने ऐसी परिस्थिति में दल-बदल कानून लागू करने की मांग की.

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