आय से अधिक संपत्ति के मामले तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को बरी करने के खिलाफ कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपनी अपील में सरकार ने कहा है कि हाइकोर्ट का आदेश सिर्फ मजाक और गैरकानूनी है। जयललिता को बरी करने से कानून की हार हुई है इसलिए कर्नाटक हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए और उनकी सदस्यता को रद्द रखा जाए।
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नई दिल्ली : आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को बरी किये जाने के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए कर्नाटक सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की।
कर्नाटक सरकार द्वारा वकील जोसेफ अरिस्टोटल के जरिये दायर अपील में कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है। साथ ही अन्नाद्रमुक प्रमुख को अयोग्य ठहराने को भी बहाल करने का निवेदन किया गया है। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि उसे उच्च न्यायालय के समक्ष अपने मामले को रखने का पर्याप्त मौका नहीं दिया गया।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 11 मई को इस मामले में अन्नाद्रमुक प्रमुख को बरी करते हुए कहा था कि विशेष अदालत द्वारा उन्हें दोषी करार देना त्रुटिपूर्ण था और कानून सम्मत नहीं था। विशेष अदालत ने पिछले वर्ष जयललिता को भ्रष्टाचार का दोषी ठहराते हुए चार वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी और 100 करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया था।