Karnataka High Court vs Central Government: कर्नाटक उच्च न्यायालय सोमवार को ट्विटर अकाउंट ब्लाक करने के एक मामले पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार (Indian government) बुधवार तक इस बात को स्पष्ट करें कि आखिर क्यों पिछले साल कुछ अकाउंट को ब्लॉक करने करने का आदेश दिया था. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics & Information Technology) के विभिन्न आदेशों को चुनौती देने वाली ट्विटर की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने सरकार के वकील से सवाल किया है. 


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क्यों सरकार ने नहीं बताया कारण


कोर्ट ने सरकार के वकील से पूछा कि आपने ट्विटर को वजह क्यों नहीं बताई? ऐसा क्या है जिसे आप अपने पास ही रखना चाहते हैं? अदालत यह जानना चाहती है कि ऐसी कौन सी महत्वपूर्ण चीज है जिसने सरकार को कारणों का खुलासा करने से रोका है, जबकि धारा 69A कारण बताए जाने के शब्दों का इस्तेमाल करती है.


कोर्ट ने सरकार से किया सवाल


कोर्ट ने सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार अपना जवाब अदालत में दर्ज कराएगी. इस पर अधिवक्ता कुमार एम एन ने जवाब दिया कि जो कुछ भी फैसला लिया गया, उसकी अदालत को जानकारी दी जाएगी. अदालत ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया पारदर्शिता की ओर बढ़ रही है. अगर यह विषय संप्रभुता से जुड़ा होता तो हम समझ सकते थे. आपने उनसे बैठक के लिए कहा और आप उनके द्वारा दिए गए कारणों से सहमत नहीं हुए और आदेश जारी कर दिया. क्या उनके लिए यह जानना जरूरी नहीं था कि आप उनके कारणों से सहमत क्यों नहीं हुए. आपको बता दें कि ट्विटर ने मंत्रालय के उक्त आदेशों के खिलाफ जून 2022 में उच्च न्यायालय का रुख किया था.


(इनपुट: एजेंसी)


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