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श्रीनगर: कोरोना वायरस (Coronavirus) से दुनियाभर में मची तबाही के बीच वैज्ञानिकों ने जानवरों से इंसानों में फैलने वाले एक और वायरस पर बड़ी खोज की है, जिसका नाम रिफ्ट वैली फीवर (RVF) वायरस है. कश्मीर के रहने वाले एक वायरोलॉजिस्ट ने मानव कोशिकाओं में रिफ्ट वैली फीवर वायरस (Rift Valley Fever Virus) के नवीनतम प्रकोप की खोज की है और पता लगाया है कि ये वायरस किस तरह शरीर को संक्रमित करता है.
अमेरिका में रहने वाले डॉ सफदर गनी (Dr. Safder Ganaie) ने पाया कि आरवीएफ वायरस एक प्रोटीन के जरिए मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है. न्यूज एजेंसी ANI ने श्रीनगर से प्रकाशित मैगजीन कश्मीर लाइफ के हवाले से बताया कि डॉ गनी और उनकी टीम ने पाया कि रिफ्ट वैली फीवर (RVF) वायरस मानव कोशिकाओं में एक प्रोटीन के जरिए से प्रवेश करता है, जो आमतौर पर कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन को हटाने में शामिल होता है, जो बैड कॉलेस्ट्रोल को खून में लाने-ले जाने का काम करते हैं. डॉ गनी और उनके सहयोगियों की खोज हाल ही में जर्नल सेल में प्रकाशित हुई थी.
कश्मीर लाइफ के अनुसार, इस खोज से उन उपचारों की ओर बढ़ने की उम्मीद है, जो रिफ्ट वैली फीवर (RVF) को रोकते हैं या इसकी गंभीरता को कम करते हैं. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रिफ्ट वैली फीवर को एक प्राथमिकता वाली बीमारी के रूप में सूचीबद्ध किया है, जिससे निकट भविष्य में महामारी होने की संभावना है. यह वायरस पालतू जानवरों के बीच मच्छरों द्वारा फैलता है, जो बाद में इसे इंसानों तक पहुंचाते हैं.
ये स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग, यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमआईटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर की है. इस टीम में कश्मीर यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री लेने वाले डॉ. सफदर भी शामिल हैं, जो स्टडी के प्रमुख लेखक हैं. आगे की पढ़ाई के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका जाने से पहले उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री प्राप्त की. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कंसास से वायरोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.
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