एयर कमोडोर हिलाल अहमद दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बख्शीबाद के रहने वाले हैं. उन्होंने इलाके के सैनिक स्कूल से पढ़ाई की है.
Trending Photos
श्रीनगर: दक्षिण कशमीर के रहने वाले एयर कमोडोर हिलाल अहमद ने भारत में रफाल (Rafale) लड़ाकू विमान को लाने में प्रमुख भूमिका निभाई. फ्रांस और भारत के बीच 2016 में हुए समझौते के चार साल बाद सोमवार को रफाल फाइटर जेट का पहला बैच फ्रांस से भारत के लिए रवाना हो चुका है. कल भारत के अंबाला एयरबेस में इन्हें तैनात कर दिया जाएगा. रफाल लड़ाकू विमान देश की सुरक्षा की दृष्टि से बेहद मजबूती के रूप में देखी जा रहा है.
फ्रांस में भारत के राजदूत के साथ देखे गए शख्स और कोई नहीं बल्कि एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर हैं, जो वर्तमान में फ्रांस में भारत का एयर अटैच के पद पर तैनात हैं. सूत्रों के मुताबिक हिलाल दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बख्शीबाद के रहने वाले हैं. उन्होंने इलाके के सैनिक स्कूल से पढ़ाई की है.
एयर कमोडोर हिलाल अहमद को साल 1988 में एयरफोर्स में कमीशन किया गया था. वो अब फ्लाइट लेफ्टिनेंट से एयर कमांडर बन चुके हैं. हिलाल ने भारतीय परिस्थितियों के अनुसार लड़ाकू विमानों की डिलीवरी को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. बताया जा रहा है कि वो एनडीए में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर भी जीत चुके हैं.
ये भी पढ़े- अयोध्या में हमला कर सकते हैं जैश और लश्कर के आतंकी, खुफिया एजेंसियां अलर्ट
मिग 21, मिराज-2000, और किरण विमान पर 3000 घंटे से अधिक की दुर्घटना-मुक्त उड़ान के लिए ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार, उन्हें वायु सेना पदक मिल चुका है. ये पदक उन्हें 2010 में विंग कमांडर के रूप में अपना कर्तव्य निभाने के लिए दिया गया था. जब वो 2016 में एक ग्रुप कप्तान थे तब उन्हें सेवा पदक भी दिया गया है.
ये भी देखें-