एनर्जी ड्रिंक कैन से हटाया नाम, बदला जूता..., आतंकियों ने गजब का लगाया बचने का दिमाग, सेना ने खोज कर पहुंचाया जहन्नुम
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एनर्जी ड्रिंक कैन से हटाया नाम, बदला जूता..., आतंकियों ने गजब का लगाया बचने का दिमाग, सेना ने खोज कर पहुंचाया जहन्नुम

Kathua Encounter: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सेना की शातिर चालाकी को समझ, उन्हें जहन्नुम में पहुंचाा दिया. इस दौरान पांच आतंकियों को मारा. इस ऑपरेशन के दौरान सेना ने उनकी नई तरीके से काम करने के तरीके को भी डिकोड किया. जानें पूरी खबर.

 

 

एनर्जी ड्रिंक कैन से  हटाया नाम, बदला जूता..., आतंकियों ने गजब का लगाया बचने का दिमाग, सेना ने खोज कर पहुंचाया जहन्नुम

Terrorists adopted new Modus Operandi: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में हाल ही में हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने पाकिस्तानी आतंकियों की नई रणनीति को नाकाम करते हुए पांच आतंकियों को मार गिराया. इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने आतंकियों द्वारा अपनाई गई नई 'Modus Operandi' (कार्यप्रणाली) को भी डिकोड किया, जिसका उद्देश्य लंबे समय तक छिपे रहना और पाकिस्तानी लिंक को छिपाना था. लेकिन सतर्क सुरक्षा बलों ने उनकी हर योजना को नाकाम करते हुए उन्हें जहन्नुम पहुंचा दिया. आइए जानते हैं पूरी कहानी.

ऑपरेशन की पूरी कहानी
23 मार्च को कठुआ के हीरानगर के सानियाल इलाके में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी. तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार और एक बैग मिला जिसमें असलहा, गोलियां और खाने-पीने का सामान था. इसके बाद 27 मार्च को कठुआ के ही सुफान इलाके में ऑपरेशन को आगे बढ़ाया गया, जहां दो आतंकी मारे गए. इनके पास से भी ऑटोमैटिक हथियार, ग्रेनेड, ड्रग्स, मावा और एनर्जी ड्रिंक्स के कैन बरामद हुए.

आतंकियों ने अपनाई नई तकनीक, सबूत मिटाने की कोशिश
Energy Drink Cans से हटाया पाकिस्तानी निशान:
जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने इस बार पाकिस्तानी कंपनियों के एनर्जी ड्रिंक कैन्स पर से सारे निशान हटा दिए थे. उनका मकसद था कि कोई भी सुराग ना छोड़ा जाए जिससे उनकी पाकिस्तानी पहचान उजागर हो. इससे पहले 11 जून 2024 को कठुआ के ही हीरानगर में मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तानी खाने-पीने की चीजें बरामद हुई थीं, जिससे उनकी पहचान उजागर हो गई थी. इस बार आतंकियों ने सावधानी बरतते हुए कैन और पैकेट्स पर किसी भी तरह का ब्रांडिंग या मार्किंग नहीं छोड़ा.

Fleet Shoes का इस्तेमाल: आतंकियों ने इस बार लंबे ट्रैकिंग शूज़ की जगह आम फ्लीट जूते पहने थे. यह जूते जमीन पर फुटप्रिंट नहीं छोड़ते, जिससे उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है. ये एक और तरीका था सुराग मिटाने का, लेकिन सुरक्षा बलों ने उनकी चालाकियों को पढ़ लिया और उन्हें धराशायी कर दिया.

भारतीए सैनिकों से पंगा लेना पड़ा महंगा, हर साजिश का करारा जवाब
चाहे आतंकियों की रणनीति कितनी भी नई क्यों न हो, भारतीय सुरक्षा बलों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हर साजिश का जवाब मौजूद है. पहले कठुआ में दो और फिर किश्तवाड़ के छात्रु इलाके में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया. सुरक्षा बलों का कहना है कि आतंकियों की ये नई रणनीति उनके पुराने अनुभवों का नतीजा थी, लेकिन भारतीय फोर्सेज की सतर्कता और प्रोफेशनलिज्म के सामने यह भी नाकाम साबित हुई.

आतंकियों की खैर नहीं?
बता दें कि कठुआ जिले में हुई विभिन्न मुठभेड़ों में 2 एके सीरीज राइफल, एक यूएस निर्मित एम4 राइफल, 6 चाइनीज ग्रेनेड, विस्फोटक और खाद्य पदार्थ बरामद किए गए हैं. बरामदगी से ये स्पष्ट है कि आतंकवादी लंबे समय से यहां रह रहे थे. आतंकवादी अब एक-दूसरे की जगह पर घूम रहे हैं. हमने आतंकवादियों से ड्रग्स बरामद की हैं. ये उनके सेवन के लिए थी, जिसमें हेरोइन भी शामिल है. पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने चाहे सबूत मिटाने के कितने भी हथकंडे क्यों न अपनाए, भारतीय सुरक्षा बलों की पैनी नजर और त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर उन्हें असफल कर दिया. कठुआ और किश्तवाड़ में हुए इन सफल ऑपरेशनों ने साफ कर दिया है कि आतंकवादियों के लिए जम्मू-कश्मीर में कोई जगह नहीं है.

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