मंत्रियों ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सत शर्मा को अपने इस्तीफे सौंप दिए. सत शर्मा ने बताया कि इस मुद्दे पर बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी और आगे के कदम पर चर्चा की जाएगी.
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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और फिर उसकी हत्या के मामले पर देश की राजनीति में तूफान मचा हुआ है. इस मामले में आरोपियों के समर्थन में आयोजित एक रैली में हिस्सा लेकर विवादों में आए भाजपा के दो मंत्रियों ने शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती की सरकार से इस्तीफा दे दिया. कठुआ से यह बच्ची अपने घर के पास से 10 जनवरी को लापता हो गई थी. एक सप्ताह बाद उसका शव उसी इलाके से मिला.
मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने मामले में इसी सप्ताह सात आरोपियों के खिलाफ मुख्य आरोपपत्र तथा एक किशोर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. इस मुद्दे को लेकर देशभर में धरने-प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
इस मामले में कुछ संगठनों ने आरोपियों के समर्थन में एक जुलूस भी निकाला था, जिसमें राज्य सरकार के दो मंत्री शामिल हुए थे. राज्य के वन मंत्री चौधरी लाल सिंह और राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने कठुआ बलात्कार और हत्या मामले में आरोपियों का बचाव करने का कथित तौर पर प्रयास किया था. और आरोपियों के समर्थन में हिंदू एकता मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.
#JammuAndKashmir Ministers Chandra Prakash Ganga and Lal Singh submitted their resignations as ministers to state #BJP President Sat Sharma
— ANI (@ANI) 13 अप्रैल 2018
विपक्ष ने उठाई बर्खास्त करने की मांग
मंत्रियों के आरोपियों का समर्थन करने पर विपक्षी दलों ने दोनों मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की थी. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि महबूबा मुफ्ती को यह फैसला करना है कि क्या वह उन मंत्रियों के साथ काम करने को तैयार हैं, जो लड़की के हत्यारों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
अब्दुल्ला ने कहा कि महबूबा को भाजपा के मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी वही साहस दिखाना होगा, जैसा उन्होंने पीडीपी नेता और राज्य के तत्कालीन वित्त मंत्री हसीब द्राबू को बर्खास्त करने में दिखाया था.
उन्होंने कहा, ‘महबूबा मुफ्ती ने हसीब द्राबू के खिलाफ कार्रवाई की. मैं नहीं मानता कि उनका अपराध भाजपा के इन मंत्रियों जितना बड़ा था. अगर महबूबा कहती हैं कि उन्होंने द्राबू के खिलाफ कार्रवाई करने में साहस का परिचय दिया तो उन्हें इन मंत्रियों के विरूद्ध कार्रवाई करने में भी वैसी ही हिम्मत दिखानी चाहिए.’
मीडिया घरानों को नोटिस
दिल्ली हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सामूहिक बलात्कार के बाद मार दी गई बच्ची की पहचान जाहिर करने के मामले में 12 मीडिया हाउसों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि आगे से उसकी पहचान जाहिर ना की जाए. मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और बहुत दुखद है कि पीड़िता की तस्वीरें भी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आ रही हैं. कोर्ट ने मीडिया हाउसों से जवाब मांगा है कि इस मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए. कोर्ट ने कहा कि पूरा का पूरा मीडिया ट्रायल चल रहा है.
अदालत ने मीडिया हाउसों को निर्देश दिया है कि वह आगे से बच्ची का नाम, उसकी तस्वीर, स्कूल का नाम या उसकी पहचान जाहिर करने वाली किसी भी सूचना को प्रकाशित प्रसारित करने से बचें. अदालत ने कहा कि खबरों ने पीड़िता की निजता का अपमान और उल्लंघन किया है जिसकी किसी भी हालात में अनुमति नहीं दी जा सकती है.
कोर्ट ने कहा कि वह केवल 12 घरानों को नोटिस जारी कर रहा है क्योंकि उसे जानकारी नहीं है कि अन्य मीडिया घरानों ने इस तरह की सामग्री का प्रकाशन किया है अथवा नहीं और जब पूरा ब्यौरा पता चलेगा तो उन्हें भी नोटिस जारी किया जाएगा.