नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को केंद्र सरकार की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें केंद्र ने एडल्ट्री कानून (IPC 497) को असंवैधानिक करार दिए जाने के फैसले को आर्म्ड फोर्सेज पर लागू ना करने की मांग की थी. इसके साथ ही 3 जजों की बेंच ने ये मामला आगे विचार के लिए 5 जजों की बेंच को भेज दिया है.


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कोर्ट ने 2018 में रद्द कर दिया था कानून


सुप्रीम कोर्ट ने विवाहेतर संबंध कानून (Law of Adultery) को खत्म कर दिया था. 27 सितंबर 2018 को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने IPC की धारा 497 को असंवैधानिक करार दिया था.


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केंद्र ने याचिका में क्या कहा?


अब केंद्र सरकार का कहना है कि आर्म्ड फोर्सेज (Armed Forces) में किसी सहयोगी की पत्नी के साथ संबंध बनाने पर नौकरी से बर्खास्त तक किए जाने का प्रावधान है. बता दें कि सेना अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए विवाहेतर संबंध (अडल्ट्री) को दंडनीय अपराध बनाए रखना चाहती है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय के समक्ष सेना ने अपना पक्ष भी रखा था.


क्या था एडल्ट्री कानून?


एडल्ट्री कानून (Law of Adultery) के तहत विवाहित महिला अगर किसी अन्य पुरुष से संबंध बनाती है तो मर्द पर मुकदमा चलाने का प्रावधान था, जबकि औरत पर न मुकदमा चलता था और ना ही उसे कोई सजा मिलती थी. ये कानून पति को पत्नी से संबंध बनाने वाले पुरुष के खिलाफ मुकदमा करने का अधिकार देता था, लेकिन वह पत्नी के खिलाफ कोई केस नहीं कर सकता था.