केरल (Kerala) विधान सभा चुनाव में इस बार कांग्रेस (Congress) कई नए उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है. पार्टी की यह सूची जल्द ही जारी हो सकती है.
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तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस (Congress) इस बार केरल (Kerala) में कई नए उम्मीदवार उतारकर विरोधियों को चौंका सकती है. केरल में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव (Kerala Assembly Election 2021) होंगे और वोटों की गिनती 2 मई को होनी है.
सूत्रों के मुताबिक 140 सदस्यीय केरल विधानसभा चुनाव (Kerala Assembly Election 2021) के लिए कांग्रेस (Congress) पार्टी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इनमें से 75 सीटों का निर्धारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन (Mullappally Ramachandran) करेंगे. संभावना जताई जा रही है कि प्रति सीट पर पार्टी केवल एक ही उम्मीदवार का नाम हाई कमान को भेजेगी और उसमें कोई दूसरा वैकल्पिक नाम नहीं रखा जाएगा. संभावना है कि इस सूची में युवाओं और महिलाओं को तरजीह दी जा सकती है.
नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेस (Congress) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसा कुछ अतीत में तो कभी नहीं हुआ है. लेकिन इस बार ऐसा हो सकता है. नेता ने कहा कि आम तौर पर प्रत्येक सीट के लिए 4-5 नाम हाई कमान को भेजे जाते हैं. ऐसा करने का मूल कारण यह होता है कि पार्टी के सभी गुटों के नेताओं को शांत किया जा सके. इसके बाद हाई कमान की ओर से उनमें से एक नाम फाइनल करके घोषणा कर दी जाती है.
उधर मुल्लापल्ली रामचंद्रन (Mullappally Ramachandran) इस मामले पर फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने केवल इतना ही कहा कि सभी चीजें अच्छी तरह से आकार ले रही हैं और अगले सप्ताह तक सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही संयुक्त डेमोक्रेटिक फ्रंट के सहयोगियों के साथ सीटों के वितरण को अंतिम रूप दिया जाएगा. उसके साथ ही कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची भी फाइनल कर दी जाएगी.
बता दें कि कांग्रेस (Congress) ने वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से उसने 22 में जीत हासिल की थी. इस बार कांग्रेस पार्टी ने 90 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. पार्टी ने 21 सिटिंग विधायकों और दिग्गज नेता के.सी. जोसेफ के नाम को मंजूरी दे दी है. वे कन्नूर जिले की इरकुर सीट से आठ बार रिकॉर्ड जीत दर्ज कर चुके हैं. इस बार उम्मीद है कि वे अपने गृह जिले कोट्टायम में चंगनाचेरी सीट से चुनाव लड़ेंगे.
इस अंतरिम सूची को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ही मंजूरी प्रदान करेंगी. सूत्रों के अनुसार, इस बार उम्मीदवारों के चयन को लेकर राज्य और राष्ट्रीय नेताओं के सामने एकमात्र एजेंडा यही होगा कि उस संबंधित उम्मीदवार की जीत की संभावना कितनी प्रबल है. दो स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि कांग्रेस के लिए उम्मीदवार चयन का यही एकमात्र मापदंड है.
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इस सूची में उन अनुभवी दिग्गजों के लिए मायूसी की आशंका है, जिन्होंने कुछ चुनाव तो लड़े मगर पार्टी को जीत नहीं दिला सके. इस बात की संभावना है कि सूची में युवाओं और महिलाओं को तरजीह दी जा सकती है.
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