इस राज्यसभा सीट को लेकर पार्टी में मचा था घमासान, राहुल ने लिया चौंकाने वाला फैसला
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इस राज्यसभा सीट को लेकर पार्टी में मचा था घमासान, राहुल ने लिया चौंकाने वाला फैसला

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देने के मकसद से राहुल ने लिया यह बड़ा फैसला 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

तिरुवनंतपुरम:  कांग्रेस ने केरल की एक राज्यसभा सीट को लेकर चौंकाने वाला फैसला लिया है. कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता पी जी कुरियन के कार्यकाल पूरा होने से खाली हुई राज्यसभा की सीट को केरल कांग्रेस (एम) को देने का फैसला किया है. इसका राज्य के पार्टी नेताओं के एक वर्ग में जबरदस्त विरोध देखा गया. दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद पार्टी के नेतृत्व वाली यूडीएफ के वरिष्ठ नेताओं ने केसी - एम को सीट देने के फैसले के बारे में घोषणा की.

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला , एआईसीसी महासचिव ओमान चांडी और केपीसीसी अध्यक्ष एम एम हसन ने कहा कि राज्यसभा सीट देने का फैसला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देने के मकसद से लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक साथ लाने के पार्टी के संकल्प के तहत यूडीएफ को मजबूत करने के इरादे से किया गया है. पूर्व केपीसीसी अध्यक्ष वी एम सुधीरन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह ‘आत्मघाती’ फैसला है और इससे पार्टी केरल में कमजोर होगी.

कुरियन को एक और कार्यकाल देने पर उठने लगा था विवाद
बता दें राज्यसभा के उपसभापति पी जे कुरियन को उच्च सदन का एक और कार्यकाल दिए जाने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस में असंतोष के स्वर उठने लगे थे. पार्टी के कई युवा विधायकों कुरियन को एक और कार्यकाल दिए जाने के किसी कदम के खिलाफ खुलकर अपनी राय रखी. कुरियन का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है. केरल से राज्यसभा की तीन सीटें एक जुलाई को खाली होंगी. इनमें से एक सीट कुरियन की भी है. कुरियन 1980 से 1999 तक लोकसभा सांसद रहे और जुलाई 2005 में राज्य सभा के लिए चुने गए थे. उन्हें अगस्त 2012 में उपसभापति चुना गया था. 

यूडीएफ में शामिल हुई केरल कांग्रेस (एम)
वहीं राज्यसभा की सीट के लिए चुनाव में केरल कांग्रेस (एम) के उम्मीदवार को समर्थन देने के कांग्रेस के फैसले के बाद केरल कांग्रेस (एम) दो साल बाद यूडीएफ में फिर से शामिल हो गई है. केसी (एम) के प्रमुख के एम मणि ने कहा कि उनकी पार्टी लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने की कोशिश करेगी. केसी (एम) अपमान का आरोप लगाते हुए अगस्त 2016 में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ से अलग हो गई थी. 

(इनपुट - भाषा)

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