सबरीमाला विवाद: केरल सरकार बोली, 'महिलाओं के लिए तय किया जा सकता है दो दिन का समय'
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सबरीमाला विवाद: केरल सरकार बोली, 'महिलाओं के लिए तय किया जा सकता है दो दिन का समय'

चार महिलाओं ने अपनी याचिका में सबरीमाला जाने की इच्छा रखने वाली सभी उम्र की महिलाओं के लिए खास तौर पर दो से तीन दिन निर्धारित करने के सुझाव दिए.

फाइल फोटो

कोच्चि: भगवान अयप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर जारी गतिरोध के बीच केरल सरकार ने शुक्रवार को हाईकोर्ट को सूचित किया कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को पूजा करने के लिए दो दिन का समय अलग से निर्धारित किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के मद्देनजर सुचारू यात्रा के साथ ही मंदिर में महिलाओं की पूजा अर्चना के लिए सुरक्षा मांग कर रही चार महिला श्रद्धालुओं की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के वक्त ये सुझाव आए. गौरतलब है कि याचिका दायर करने वाली महिलाओं की उम्र 20-30 साल के बीच है.

राज्य सरकार ने जताई महिलाओं के सुझाव पर सहमति
चार महिलाओं ने अपनी याचिका में सबरीमाला जाने की इच्छा रखने वाली सभी उम्र की महिलाओं के लिए खास तौर पर दो से तीन दिन निर्धारित करने के सुझाव दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत से कहा कि तीर्थ यात्रा के दौरान महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग से दो दिनों का वक्त तय किया जा सकता है. मुख्य न्यायाधीश हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एके जयशंकरण नांबियार की पीठ ने रेशमा निशांत, शनिला सजीश, धान्या वीएस और सूर्या एम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई की. 

मंदिर में की गई है 50 से अधिक उम्र की महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि मंदिर जाकर पूजा अर्चना करने की उनकी बहुत इच्छा है, लेकिन कुछ लोगों के विरोध के कारण वे मंदिर में घुस नहीं पाईं. बता दें कि केरल सरकार ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की बात कही है, लेकिन उसने मंदिर खुलने पर केवल 50 साल उम्र की महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया है. इस कदम का कांग्रेस तथा बीजेपी दोनों ने स्वागत किया था. वैसे दोनों ही दल 10 से 50 साल की उम्र की लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने के शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने के राज्य की वाम मोर्चा सरकार के फैसले के खिलाफ मुखर हैं.

सुरक्षा के लिहाज से की गई है तैनाती- पुलिस अधिकारी
अधिकारियों ने कहा था कि केवल उन महिलाओं को मंदिर परिसर के अंदर सुरक्षा के लिहाज से तैनात किया गया है, जिनकी आयु रजस्वला वाली नहीं है. वहीं, कम उम्र की महिलाओं को निलक्कल आधार शिविर से पांबा तक के मार्ग पर तैनात किया है, जहां श्रद्धालु पांच किलोमीटर पैदल चलकर भगवान अयप्पा के मंदिर तक दर्शन के लिए आते हैं.

(इनपुट भाषा से)

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