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वकील बन रही थी कैदी की बेटी, कोर्ट ने बदला नियम, दोषी पिता को दी 5 दिन की इमरजेंसी लीव

Kerala High Court Rule Changed: केरल हाई कोर्ट के जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने अदालत का नियम बदलते हुए एक पिता को अपनी बेटी के लिए 5 दिन की इमरजेंसी लीव दी है.  

 

वकील बन रही थी कैदी की बेटी, कोर्ट ने बदला नियम, दोषी पिता को दी 5 दिन की इमरजेंसी लीव

Kerala High Court: कहते हैं कि अदालत का नियम और फैसला पत्थर की लकीर होता है, जिसे पलटना आसान बात नहीं है, हालांकि केरल हाईकोर्ट ने एक बेटी के लिए उसके दोषी पिता की सजा में नियम ही बदल दिए. बता दें कि कोर्ट ने सजा काट रहे एक शख्स की 5 दिन की इमरजेंसी छुट्टी मंजूर कर दी है क्योंकि उसकी बेटी अपनी पढ़ाई पूरी कर वकील के तौर पर रजिस्टर होने जा रही थी. दोषी पिता अपनी बेटी की इस उपलब्धि का साक्षी बनना चाहता था. 

पिता-बेटी के लिए बदला कोर्ट का नियम  

केरल हाई कोर्ट के जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने कहा कि कोर्ट बेटी की इस इच्छा से अपना मुंह नहीं मोड़ सकता है, हालांकि लोक अभियोजक की ओर से अदालत के इस फैसले का विरोध किया गया है और कहा गया कि प्राइवेट इवेंट के लिए इमरजेंसी छुट्टी नहीं दी जा सकती हैं. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने कहा कि वैसे तो इन मौकों के लिए आमतौर पर छुट्टी देने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन बेटी के रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम के मामले में थोड़ा मानवीय नजरिया रखा जरूरी है. उन्होंने कहा, 'एक युवती ने अपना LLB कोर्स पूरा किया और उसका सपना वकील के तौर पर रजिस्टर करना है. उसका उद्देश्य पिता की मौजूदगी में ऐसा करना है, जो अभी जेल में है.'    

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'हर बच्चे की नजर में पिता हीरो होता है...' 

जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने कहा,' भले ही याचिकाकर्ता दोषी है और पूरी दुनिया की नजर में वह अपराधी है, लेकिन हर बच्चे की नजर में पिता हीरो होता है. उस बेटी को उसके पिता की मौजूदगी में रजिस्ट्रेशन करने दीजिए. यह कोर्ट बेटी की भावनाओं से आंखें बंद नहीं कर सकती. मामले के हालात और तथ्यों को देखते हुए और बेटी की भावनाओं पर विचार करते हुए मेरा मानना है कि याचिकाकर्ता को 5 दिनों की छुट्टी दी जा सकती है.' 

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दोषी ने मांगी इमरजेंसी लीव 

बता दें कि दोषी तवानुर सेंट्रल जेल और करेक्शनल होम में बंद है. उसने 10-14 अक्टूबर 2025 तक के लिए इमरजेंसी लीव की मांग की थी. जेल अधिकारियों ने 17 सितंबर 2025 को जारी आदेश में उसका आवेदन स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद उसने हाईकोर्ट का रुख कर अस्थाई रिहाई की मांग की. दोषी के वकील का कहना था कि याचिकाकर्ता की बेटी ने कन्नूर से LLB का कोर्स पूरा किया है और 11-12 अक्टूबर 2025 को उसका रजिस्ट्रेशन पूरा होना है.  

FAQ 

केरल हाईकोर्ट ने दोषी पिता को बेटी के लिए कितनी छुट्टी दी है? 

केरल हाईकोर्ट ने दोषी पिता को उसकी बेटी के रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 5 दिन की इमरजेंसी छुट्टी दी है. 

दोषी पिता की बेटी क्या कर रही है?

दोषी पिता की बेटी ने LLB का कोर्स पूरा किया है और उसका रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम 11-12 अक्टूबर 2025 को है.

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About the Author
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Shruti Kaul

ज़ी न्यूज में सब एडिटर. वनस्थली विद्यापीठ यूनिवर्सिटी राजस्थान से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन. ये राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दो से जुड़े विषयों पर लिखती हैं. लिखने के अलावा श्रुति ...और पढ़ें

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