Amritpal Singh Arrest News: खुफिया सूचना में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा सामने आया है. खुफिया दस्तावेज में कहा गया है कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह हथियारों को जमा करने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों और एक गुरुद्वारे का इस्तेमाल कर रहा था. इसके अलावा अमृतपाल सिंह आत्मघाती हमले के लिए युवाओं को तैयार कर रहा था. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.


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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से कथित रिश्ता



विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक डोजियर (ऐसी फाइल जिसमें किसी व्‍यक्ति, घटना या विषय पर विस्‍तृत जानकारी हो) तैयार किया गया है. इसमें दावा किया गया है कि अमृतपाल सिंह युवाओं को मानव बम बनाने के वास्ते उन्हें तैयार करने में मुख्य रूप से शामिल था. खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पिछले साल कथित रूप से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और विदेशों में रहने वाले खालिस्तान के हमदर्दों के कहने पर दुबई से भारत लौटा था. उसके ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के खिलाफ शनिवार को पंजाब सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के बाद से ही वो फरार है.


संगठन के 78 सदस्य गिरफ्तार


पंजाब सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के तहत संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. विशेषज्ञों और पंजाब की स्थिति पर नजर रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान भारत में अमृतपाल सिंह जैसे लोगों को सक्रिय कर अपने यहां ध्यान भटकाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. भारत के खिलाफ लड़ी हर जंग में उसे हार का मुंह देखना पड़ा है. इस मामले की जांच के दौरान अमृतपाल सिंह द्वारा स्थापित तथाकथित आनंदपुर खालसा फ्रंट (AKF) के लिए लाए गए हथियार और गोलाबारूद को जब्त किया गया है.


युवाओं को गन कल्चर की ओर धकेलना


जांच अधिकारियों ने कहा है कि पुलिस ने वर्दियां और जैकेट भी जब्त किए हैं. उनके मुताबिक हथियार और गोलाबारूद उसके कार से जब्त किए गए हैं जिस पर 'एकेएफ' का लोगों बना हुआ था. अधिकारियों ने कहा कि ‘वारिस पंजाब दे’ द्वारा संचालित कई नशा-मुक्ति केंद्रों और अमृतसर के एक गुरुद्वार में हथियारों को अवैध रूप से जमा किया जा रहा है. अधिकारियों के अनुसार नशा-मुक्ति केंद्रों में भर्ती होने वाले युवाओं को गुमराह किया जाता और उन्हें ‘बंदूक की संस्कृति’ की ओर धकेला जाता था.


आतंकवादियों को बताया पंथ का शहीद


अधिकारियों ने बताया कि युवाओं को मृत आतंकवादी दिलावर सिंह के रास्ते पर चलने के लिए उकसाया जाता था जिसने आत्मघाती हमला कर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की थी. कट्टरपंथी उपदेशक मारे गए आतंकवादियों के 'शहीदी समागम' में शामिल होता था, जहां वह उन्हें 'पंथ' का तथाकथित 'शहीद' करार देता था.


(इनपुट: एजेंसी)


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