आतंकी हमले के बाद कश्मीर के खीर भवानी मंदिर मेले में भक्तों का सैलाब; चप्पे-चप्पे पर नजर, हाई अलर्ट
Advertisement
trendingNow12293130

आतंकी हमले के बाद कश्मीर के खीर भवानी मंदिर मेले में भक्तों का सैलाब; चप्पे-चप्पे पर नजर, हाई अलर्ट

Kashmir News: मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण और मुख्य आकर्षण पवित्र झरना है, जिस पर मंदिर स्थित है. श्रद्धालुओं का मानना ​​है कि झरने के पानी का रंग भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करता है.

आतंकी हमले के बाद कश्मीर के खीर भवानी मंदिर मेले में भक्तों का सैलाब; चप्पे-चप्पे पर नजर, हाई अलर्ट

Kheer Bhawani temple: हाल ही में जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद वहां की सुरक्षा व्यवस्था अलर्ट पर है. इसी बीच कश्मीर घाटी के मशहूर तुलमुल्ला में मेला खीर भवानी धूमधाम से कड़ी सुरक्षा के बीच मनाया गया. दुनिया भर से हजारों कश्मीरी पंडितों ने माता का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर में उमड़े और देश की शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की. जिले के गंदेरबल के तुमुल्ला में ऐतिहासिक मंदिर माता खीर भवानी में वार्षिक मेला खीर भवानी पूरे धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया.

पूजा-अर्चना करने के लिए उमड़े

असल में दुनिया भर और देश भर से श्रद्धालु माता खीर भवानी के नाम से प्रसिद्ध देवी रागनिया देवी के मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए उमड़े. पवित्र मंदिर मुसलमानों और पंडितों के बीच प्रेम के मजबूत बंधन का जीवंत उदाहरण है. मुख्य द्वार पर स्थानीय मुसलमान भक्तों के लिए प्रसाद तैयार करते हैं जिसे वे मंदिर के अंदर माता को चढ़ाते हैं. यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां इस तरह का भाईचारा देखने को मिलता है.

स्थानीय दुकानदार मोहम्मद असलम ने कहा कि इस मेले का इंतज़ार साल भर रहता है जब हमारे पंडित भाई यहाँ आते हैं, हम उनके लिए प्रसाद की सारी सामग्री यहाँ रखते हैं जो कुछ उन्हें चाहिए पूजा के लिए वो यहाँ मिलता है” असलम ने आगे कहा हमारा कारोबार भी चलाता है मगर इनकी आस्था में शामिल होना संतुष्टि भी देता है.है” 

देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु

पिछले तीन दिनों से तुलमुल्ला क्षेत्र में उत्सव का माहौल है, देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु माता राग्न्या देवी के मंदिर पहुंचे, जिन्हें कश्मीरी पंडित अपनी कुलदेवी मानते हैं. माता खीर भवानी का जन्मदिन मनाने के लिए हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचे. चिनार से ढके मंदिर में उत्सव का माहौल है, जहां ज्यादातर कश्मीरी पंडित मंदिर के आसपास उत्सव की रस्में निभा रहे हैं. मंदिर में पूजा-अर्चना की गई, श्रद्धालुओं ने पवित्र झरने में दूध और खीर चढ़ाई और दीप जलाए. वार्षिक उत्सव की पूर्व संध्या पर अधिकारियों द्वारा की गई व्यवस्था से श्रद्धालु संतुष्ट नजर आए.

श्रद्धालु किरण वाताल ने कहा यहाँ 12 सालों से आता हूँ यहाँ लंगर भी लगता हूँ मगर इस बार व्यवस्था बहुत अच्छी है ऐसा पहले देखने को नहीं मिलता है हम एलजी और सभी अधिकारियों का शुक्रिया करते हैं खाने पीने से लेकर सुरक्षा तक हर चीज़ का आछे से ध्यान रखा गया है.”

मुख्य आकर्षण पवित्र झरना

मंदिर की सबसे महत्वपूर्ण और मुख्य आकर्षण पवित्र झरना है, जिस पर मंदिर स्थित है. श्रद्धालुओं का मानना ​​है कि झरने के पानी का रंग भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करता है. अगर इस पवित्र झरने का रंग लाल या काला हो जाता है, तो दुनिया भर में मानवता के साथ कुछ बुरा होने वाला है, लेकिन अगर इसका रंग हल्का नीला या सफेद है, तो यह भविष्यवाणी करता है कि वह साल खुशियों और अच्छी घटनाओं से भरा होगा. और इस साल इसका रंग हल्का नीला है.

श्रद्धालु रीना पंडिता ने भी कहा कि यह चमत्कारी मंदिर है कश्मीरी पंडितों के का यह सब से बड़ा तीरथ स्थल है यह हमारी कुलदेवी है. इस का कुंड आनेवाले के बारे में चेतावनी देता है लेकिन आज इसका रंग यह दर्शाता है कि अच्छा समय आने वाला है.”

जम्मू में चार आतंकी हमलों के बावजूद इस साल पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. सभी ने प्रशासन द्वारा किए गए सुरक्षा इंतजामों की तारीफ की. जम्मू में हुए हमलों के बाद तीन टायर सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. मंदिर और उसके आसपास की सुरक्षा के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना, सीआरपीएफ और एसएसबी को तैनात किया गया है. निगरानी रखने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया गया, ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे, तलाशी के लिए एक्स-रे मोबाइल वैन मंदिर के सभी दरवाजों पर रखी गई.

पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध

एसएसपी गांदरबल संदीप गुप्ता ने कहा, "हमने इस त्योहार के दौरान किसी भी तरह की घटना न हो, इसके लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं. जम्मू कश्मीर पुलिस के अलावा सीआरपीएफ और सेना की भी मदद ली गई है. गुप्ता ने कहा कि अगर आतंकी अपनी रणनीति बदलते हैं, तो हम भी उसे ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी कर रहे हैं." जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से त्योहार के दौरान किए गए इंतजाम सराहनीय रहे. अन्य आवश्यक सेवाओं के अलावा पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं.इसके इलावा श्रदलों के लिए रहने खाने पीने का भी पुख़्ता इंतज़ाम था. 

इस शुभ अवसर पर भक्तों को बधाई देने के लिए एलजी मनोज सिन्हा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना, कई शीर्ष पुलिस और नागरिक अधिकारियों जैसे कई वीआईपी मंदिर पहुंचे. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम चाहते हैं देवी सब की प्रार्थना सुनें, कश्मीरी पंडित वापस घरों को लौटें, उम्मीद है कि जल्द यह लोग वापस लौटेंगे. आज के दिन की इस सब को बधाई देता हूँ कि यह सदियों पुराना भाईचारा क़ायम रखा गया है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;