शिवसेना के विरोध के बावजूद पाक के पूर्व मंत्री खुर्शीद की पुस्तक का विमोचन, सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोती
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शिवसेना के विरोध के बावजूद पाक के पूर्व मंत्री खुर्शीद की पुस्तक का विमोचन, सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोती

शिवसेना के विरोध और सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोते जाने की घटना से अप्रभावित आयोजकों ने सोमवार को यहां पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री अहमद कसूरी की पुस्तक ‘नीदर ए हॉक, नॉर ए डव’ के विमोचन के लिए समारोह आयोजित किया।

शिवसेना के विरोध के बावजूद पाक के पूर्व मंत्री खुर्शीद की पुस्तक का विमोचन, सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोती

मुंबई : शिवसेना के विरोध और सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोते जाने की घटना से अप्रभावित आयोजकों ने सोमवार को यहां पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री अहमद कसूरी की पुस्तक ‘नीदर ए हॉक, नॉर ए डव’ के विमोचन के लिए समारोह आयोजित किया।

शिवसेना से उसके विरोध प्रदर्शन को छोड़ने की अपीलों के बावजूद उसकी समारोह को बाधित करने की धमकी के मद्देनजर कसूरी के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ समारोह का आयोजन किया गया।

कसूरी ने आज सुबह कार्यक्रम के आयोजक संगठन ऑब्सर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के अध्यक्ष कुलकर्णी के घर के बाहर आयोजित कार्यक्रम के बाद उनके चेहरे पर कालिख पोते जाने के मद्देनजर शाम को समारोह के आयोजन को लेकर खुद भी भावनाएं साझा कीं।

कसूरी ने पुस्तक विमोचन समारोह में कहा, ‘‘मैं मुंबई हवाईअड्डे पर (रविवार शाम) उतरने के समय से ही मुझे मुहैया कराई गयी उत्कृष्ट सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा।’’ शिवसेना पर निशाना साधते हुए कुलकर्णी ने पूर्व पाकिस्तानी मंत्री का मराठी भाषा में स्वागत किया।

मुंबई के नेहरू सेंटर में आयोजित समारोह में अपने प्रारंभिक उद्बोधन में कुलकर्णी ने कहा, ‘‘मैं आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूं जो अलग तरह के हालात में कार्यक्रम होने के बावजूद यहां उपस्थित हुए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सहिष्णुता और विविधता के मूल्यों को बचाने के आपके संकल्प को, हमारे संकल्प को और लाखों मुंबइकरों के संकल्प को दर्शाता है।’’ समारोह में जानेमाने वकील और इतिहासकार ए जी नूरानी, पत्रकार दिलीप पडगांवकर और फिल्म अभिनेता नसीरूद्दीन शाह समेत कई लोग शामिल हुए।

शिवसेना का नाम लिये बिना कुलकर्णी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा हाल ही में कहे गये कथन का हवाला दिया कि ‘सहिष्णुता और विविधता भारतीय संस्कृति के अहम मूल्य हैं और इन्हें बचाया जाना चाहिए।’ कुलकर्णी ने कहा, ‘हम इन्हें बचाएंगे।’ मुंबई को सहनशील, समावेशी, उदार, लोकतांत्रिक और कई आस्थाओं वाला शहर बताते हुए कुलकर्णी ने कहा कि यह महानगर सोच और विचार की विविधता समेत अनेक तरह की विविधता का उत्सव मनाता है।

उन्होंने मराठी में कहा, ‘मुझे मराठी पर, मुंबई पर अत्यंत गर्व है। मुंबई महाराष्ट्र का है लेकिन उससे पहले यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शहर है।’ कुलकर्णी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में मुंबई का विशेष स्थान है और महात्मा गांधी तथा मुहम्मद अली जिन्ना ने अपनी जिंदगी के सर्वाधिक महत्वपूर्ण साल इसी शहर में बिताए और यह दोनों नेताओं की कर्मभूमि रहा।

उन्होंने पुस्तक विमोचन समारोह को दोनों देशों के बीच अतीत की गलतियों को सुधारने का प्रयास बताया।

उन्होंने किताब से एक पंक्ति पढ़ते हुए कहा, ‘ना बंदूक से ना गोली से, बात बनेगी बोली से।’ कसूरी ने कहा कि इस पुस्तक को लिखने का उनका उद्देश्य पड़ोसी देशों की जनता के बीच सही धारणा बनाना है।

कुलकर्णी ने इस मुद्दे पर फडणवीस के रुख पर और समारोह के लिए सुरक्षा प्रदान करने पर उनका शुक्रिया अदा किया।

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