Tibatan refugees: कार्यक्रम में शामिल तिब्बती लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में अलग अलग जगहों पर रह रहे तिब्बती लोगों के आए दिन होने वाले समस्याओं से वाकिफ है और भारत सरकार उनकी कठिनाइयों को दूर करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है.
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Tibetan Parliament in Exile: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू दिल्ली में रेफ्यूजी के तौर पर रह रहे तिब्बती लोगों के लोसर फेस्टिवल के मुख्य अतिथि अतिथि के तौर पर शामिल हुए. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के साथ उनकी पत्नी रीना रिजिजू भी शामिल हुई. कार्यक्रम में शामिल तिब्बती लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में अलग अलग जगहों पर रह रहे तिब्बती लोगों के आए दिन होने वाले समस्याओं से वाकिफ है और भारत सरकार उनकी कठिनाइयों को दूर करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ये भी कहा है कि भारत मे रह रहे तिब्बती लोगों को कई वेलफेयर स्कीम का फायदा नही मिल पाता है. सरकार उनकी रोजमर्रा की समस्या को लेकर जागरूक है. दिल्ली में हुए कार्यक्रम में तिब्बतियों के निर्वासित सरकार (Tibetan Parliament in Exile) में मंत्री डोलमा गायरी (Gyari Dolma) भी शामिल हुई.
हर साल 21 फरवरी को तिब्बती बुद्ध धर्म से जुड़े तिब्बती लोसर फेस्टिवल मानते है. जो तिब्बती कैलेंडर के अनुसार नया साल होता है. कार्यक्रम में RSS के इंद्रेश कुमार भी शामिल हुए. इंद्रेश कुमार ने चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अगर किसी की स्वंत्रता का हनन कर दिया जाए तो ये संभव नहीं है कि शांति कायम रहे. देखा जाए तो तिब्बती लोगो के कार्यक्रम में भारत सरकार के एक केंद्रीय मंत्री के शामिल होने से चीन परेशान हो सकता है.
चीन भारत में रह रहे धर्मगुरु दलाईलामा के साथ साथ तिब्बती लोगों पर लगातार नजर रखता है. 31 मार्च 1959 को धर्मगुरु दलाईलामा अपने शिष्यों के साथ भारत आकर बस गए थे. उनके साथ बड़ी संख्या में तिब्बती लोगों ने भी भारत की ओर रुख कर लिया था और देश के अलग अलग जगहों पर बस गए थे. दुनिया भर में रह रहे तिब्बती लोग तिब्बत की आजादी की मांग के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं. यही वजह है कि चीन तिब्बती लोगों के किसी भी कार्यक्रम पर पूरी नजर रखता है।.
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