भारतीय सेना के घातक हथियार परमाणु हमले के लिए सक्षम तो पहले से ही थे लेकिन अब वायुसेना का बाहुबली रफाल भारत की ताकत और मजबूत करेगा. रफाल की परमाणु मिसाइल ले जाने की क्षमता इसे सबसे अलग बनाती है.
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नई दिल्ली: आज से नए भारत का 'रफाल युग' (Rafale) आरंभ होने जा रहा है. फ्रांस (France) की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली (Florence Parly) भारत पहुंची हैं. वह रफाल इंडक्शन समारोह में शामिल हुईं. आसमान से भारत के आक्रमण को धार देने के लिए अब वायु सेना में रफाल जैसा योद्धा शामिल हो गया. ये खबर चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) दोनों की चिंता बढ़ाने वाली है.
भारतीय सेना के घातक हथियार परमाणु हमले के लिए सक्षम तो पहले से ही थे लेकिन अब वायुसेना का बाहुबली रफाल भारत की ताकत को और मजबूत करेगा. रफाल की परमाणु मिसाइल ले जाने की क्षमता इसे सबसे अलग बनाती है, चीन और पाकिस्तान की सबसे ताकतवर फाइटर जेट्स में भी ये खूबी नहीं है. जानिए रफाल की 10 बड़ी खूबियां-
-रफाल दोनों ही ट्विन इंजन, डेल्टा-विंग, सेमी स्टील्थ क्षमताओं के साथ फोर्थ जनरेशन का फाइटर है. ये न सिर्फ फुर्तीला है, बल्कि इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है.
-एक रफाल दुश्मनों के पांच विमानों को ढेर करने की ताकत रखता है. रफाल की सबसे बड़ी खासियत है कि यह बियॉन्ड विजुअल रेंज Air-To-Air Missile है. जिसकी रेंज 150 किलोमीटर से ज्यादा होती है. इसे ऐसे समझिए ये भारत की सीमा के अंदर से ही पाकिस्तान में 150 किलोमीटर तक हमला कर सकती है ये मिसाइल.
-कोई भी लड़ाकू विमान कितना शक्तिशाली है, ये उस विमान की तकनीक और सेंसर क्षमता और हथियारों पर निर्भर होता है. इसका मतलब ये है कि ये लड़ाकू विमान कितनी दूरी से देख सकता है और कितनी दूर तक अपने टारगेट को नष्ट कर सकता है. इस मामले में रफाल बहुत आधुनिक और शक्तिशाली विमान है.
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-अगर चाइनीज J-20 और भारत के रफाल की तुलना करें तो रफाल कई मामलों में J-20 पर भारी पड़ता है.
- जैसे रफाल का Combat Radius 3 हजार 700 किलोमीटर है जबकि J-20 का Combat Radius 3 हजार 400 किलोमीटर है. Combat Radius का मतलब है कि लड़ाकू विमान अपने बेस से एक बार में कितनी दूरी तक जा सकता है.
- चीन अपने J-20 लड़ाकू विमानों के लिए अभी नई पीढ़ी का इंजन तैयार नहीं कर पाया है और अभी वो रूस के इंजन इस्तेमाल कर रहा है, जबकि रफाल में शक्तिशाली और भरोसेमंद M-88 इंजन लगा है.
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- रफाल में तीन तरह की घातक मिसाइल के साथ 6 लेजर गाइडेड बम भी फिट हो सकते हैं.
-रफाल अपने वज़न से डेढ़ गुना ज़्यादा वजन उठा सकता है जबकि J-20 अपने वजन से 1.2 गुना ज्यादा वजन उठा सकता है. यानी रफाल अपने साथ ज्यादा हथियार और ईंधन ले जा सकता है.
- सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि युद्ध के मैदान में रफाल अपनी क्षमता दिखा चुका है. फ्रांस की वायुसेना और नौ सेना में रफाल पिछले 14 वर्ष से तैनात है.
-अफगानिस्तान, इराक, सीरिया और लीबिया में रफाल ने अपनी क्षमता दिखाई है, जबकि इसकी तुलना में चीन अपना J-20 लड़ाकू विमान 2017 में यानी सिर्फ तीन वर्ष पहले ही अपनी सेना में लेकर आया है.